नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा में 24 अप्रैल को हुए नक्सली हमले के बाद से सुकमा के आस-पास के सभी इलाके और गांव दहशत में हैं। जिस सड़क निर्माण के दौरान ये हमला हुआ था, उसका काम फिलहाल रोका जा रहा है। सरकार ने आने वाले दो हफ्तों तक सड़क निर्माण के काम को निलंबित कर दिया है। साथ ही ये भी खबर है कि आस-पास के गांव के लोग गांव खाली करके जा रहे हैं। जहां हमला हुआ था वहां से 250 किमी तक कहीं लोग नजर नहीं आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरक्षाबलों पर हुए हमले के बाद से जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है। बताया जाता है कि इस काम में 5 से 7 हजार सुरक्षाबल जुटे रहते हैं। ऐसे में फिलहाल उनको ड्यूटी से हटाया गया है और नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के ऑपरेशन पर फोकस कियाजा रहा है। सूत्रों ने बताया कि पूरे बस्तर में 30 हजार जवान तैनात हैं। जिस वक्त सुकमा में नक्सली हमला हुआ उस वक्त भी सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवान सड़क निर्माण के काम में लगे थे। जब हमला हुआ उस वक्त 90 से ज्यादा जवान ड्यूटी पर तैनात थे। नक्सल ऑपरेशन के डीजी डीएम अवस्थी ने कहा, हम पूरी फोर्स को ऑपरेशन में शामिल करना चाहते हैं, हम चाहते हैं कि सभी जवान फिलहाल अपना पूरा ध्यान नक्सल के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर लगाए। सुकमा में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि पिछले साल भी इसी सड़क निर्माण के दौरान कई बार नक्सली हमले हुए हैं। इससे साबित हो रहा है कि सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी नक्सलियों का आतंक कम नहीं हो रहा है।
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा में 24 अप्रैल को हुए नक्सली हमले के बाद से सुकमा के आस-पास के सभी इलाके और गांव दहशत में हैं। जिस सड़क निर्माण के दौरान ये हमला हुआ था, उसका काम फिलहाल रोका जा रहा है। सरकार ने आने वाले दो हफ्तों तक सड़क निर्माण के काम को निलंबित कर दिया है। साथ ही ये भी खबर है कि आस-पास के गांव के लोग गांव खाली करके जा रहे हैं। जहां हमला हुआ था वहां से 250 किमी तक कहीं लोग नजर नहीं आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरक्षाबलों पर हुए हमले के बाद से जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है। बताया जाता है कि इस काम में 5 से 7 हजार सुरक्षाबल जुटे रहते हैं। ऐसे में फिलहाल उनको ड्यूटी से हटाया गया है और नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के ऑपरेशन पर फोकस कियाजा रहा है। सूत्रों ने बताया कि पूरे बस्तर में 30 हजार जवान तैनात हैं। जिस वक्त सुकमा में नक्सली हमला हुआ उस वक्त भी सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवान सड़क निर्माण के काम में लगे थे। जब हमला हुआ उस वक्त 90 से ज्यादा जवान ड्यूटी पर तैनात थे। नक्सल ऑपरेशन के डीजी डीएम अवस्थी ने कहा, हम पूरी फोर्स को ऑपरेशन में शामिल करना चाहते हैं, हम चाहते हैं कि सभी जवान फिलहाल अपना पूरा ध्यान नक्सल के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर लगाए। सुकमा में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि पिछले साल भी इसी सड़क निर्माण के दौरान कई बार नक्सली हमले हुए हैं। इससे साबित हो रहा है कि सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी नक्सलियों का आतंक कम नहीं हो रहा है।
wonderful post hai sir
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