रीवा : ग्रीन बेल्ट एरिया से हटेगा अतिक्रमण, नदी-नालों से लगे इन जगहों में घर बनाने वालों पर होगी कार्रवाई
रीवा। शहर में आने वाली बाढ़ की प्रमुख वजह बनने वाले अमहिया नाले का गहरीकरण करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस नाले का पहलीबार ग्रीन बेल्ट निर्धारित किया जाएगा। नाले के दोनों तरफ 9-9 मीटर दूरी तक ग्रीन बेल्ट की सीमा निर्धारित की जाएगी। नगर निगम एवं हुजूर तहसील की संयुक्त टीम ने इसका सर्वे भी शुरू कर दिया है। सर्वे में दर्जनभर से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल किए गए हैं। दोनों ओर ग्रीन बेल्ट चिन्हित करने का काम शुरू फूलमती मंदिर के पास से शुरू किए गए सर्वे में नाले की चौड़ी और उसके दोनों ओर ग्रीन बेल्ट चिन्हित करने का काम शुरू किया गया है। जहां से इस नाले की शुरुआत होती है वहां पर इसकी चौड़ाई कम ही है लेकिन आगे चलकर अधिक होगी। नाले के दोनों ओर अतिक्रमण की वजह से सर्वे दल को नापजोख में दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। दस्तावेज के आधार पर नाले की सीमा रेखा चिन्हित करने काम प्रारंभ किया गया है। पानी के बहाव में सबसे बड़ी अड़चन बीते साल अगस्त महीने में हुई तेज बारिश की वजह से नाले से पानी निकलने का पर्याप्त स्थान नहीं था, इस कारण लोगों के घरों में पानी घुसा था और सड़क पर नाला घंटों बहा था। जिसकी वजह से सड़कें भी उखड़ गई थी। नाले में पानी के बहाव में सबसे बड़ी अड़चन नाला बन रहा है। इस कारण दोबारा लापरवाही के चलते बाढ़ की नौबत नहीं बने, नाले की सफाई करने की तैयारी की जा रही है। जहां जरूरत होगी गहरीकरण और चौड़ीकरण किया जाएगा। 20 फिट होगी स्टैंडर्ड चौड़ाई अमहिया नाले की स्टैंडर्ड चौड़ाई 20 फिट बताई जा रही है। कुछ स्थानों पर दस्तावेज के हिसाब से कम है तो कुछ जगह पर इससे अधिक भी है। इस चौड़ाई के दोनों तरफ 9-9 मीटर का ग्रीन बेल्ट रहेगा, जहां पर निर्माण कार्य प्रतिबंधित होगा और पौधे रोपे जाएंगे। पहले दिन फंसे दर्जनभर मकान फूलमती मंदिर के पास से शुरू किए गए सर्वे में पहले दिन ही दर्जन भर से अधिक मकान अतिक्रमण के रूप में चिन्हित किए गए हैं। यह मकान नाले की भूमि पर बने हैं। साथ ही ग्रीन बेल्ट के दायरे में अन्य कई मकान भी आएंगे। सर्वे दल ने चिन्हित स्थान पर कलर से निशान भी लगाया है ताकि बाद में इसका पता किया जा सके। यह सर्वे झिरिया तक होगा, जहां नाला बीहर नदी में मिलता है। 30 जून के पहले होगी कार्रवाई नगरीय प्रशासन विभाग ने रीवा में आई बाढ़ को लेकर चिंता जाहिर की है। कुछ दिन पहले ही कलेक्टर और निगम आयुक्त को प्रमुख सचिव ने निर्देशित किया है कि शहर के नालों की सीमा रेखा तय करें और उनका गहरीकरण करने के साथ ही अतिक्रमण तोड़कर चौड़ा करें। ताकि पानी का बहाव तेज गति से होता रहे। यह कार्य 30 जून के पहले करने के लिए कहा गया है। जिस तरह से सर्वे प्रारंभ हुआ है उसमें सैकड़ों की संख्या में मकान अतिक्रमण की जद में आएंगे। इन पर कार्रवाई कर पाना प्रशासन के लिए बड़ा चैलेंज होगा। चिन्हित करने के लिए निशान सर्वेदल के प्रमुख निगम के उपयंत्री राजेश मिश्रा ने बताया कि नाले की भूमि का सीमांकन शुरू किया गया है, इसके दोनों तरफ 9-9 मीटर का ग्रीन बेल्ट भी चिन्हित किया जा रहा है। सीमांकन के साथ ही संबंधित स्थान को चिन्हित करने के लिए निशान भी लगा रहे हैं। इस सर्वे में करीब सप्ताह भर का समय लगने का अनुमान है।
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