जीएसटी काउंसिल: बैंक अकाउंट से लेकर इन्श्योरेंस प्रीमियम तक सब कुछ महंगादेश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से सभी बैंकिंग और बीमा सेवाएं महंगी हो जाएंगी। आपको बैंक खाते में बैलेंस मेन्टेन करने, चेक बुक लेने, एटीएम से पैसे निकालने और ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने सहित सभी सेवाओं पर ज्यादा सेवा कर देना होगा। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल ने वित्तीय सेवाओं पर सेवा कर 18 फीसदी बढ़ा की घोषणा की है जो अभी 15 फीसदी है। इसका असर बीमा खरीदने पर भी पड़ेगा। यानी इन सब सेवाओं के बदले अब आपको ज्यादा रुपए देने होंगे। बैंक खाते में बैलेंस रखना जरूरी एसबीआई सहित निजी क्षेत्र के बैंकों ने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेन्टेन करने की लिमिट तय की हुई है। ऐसा नहीं करने पर बैंक सर्विस टैक्स के साथ 50 रुपए से लेकर 450 रुपए तक चार्ज ले रहे हैं। ऐसे में अगर आप अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेन्टेन नहीं करते हैं, तो आपको ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। प्रत्येक ट्रांसजेक्शन पर चार्ज- एसबीआई सहित कुछ बैंकों ने होम ब्रांच में एक माह में फ्री कैश ट्रांजैक्शन की लिमिट 3 तय कर दी है। इससे अधिक कैश ट्रांजैक्शन करने पर आपको सर्विस टैक्स के साथ प्रति ट्रांजैक्शन 50 रुपए देने होते हैं। बैंकिंग सेवाओं पर 18 फीसदी सर्विस टैक्स लागू होने से आपको अब 3 से अधिक कैश ट्रांजैक्शन पर प्रति ट्रांसजेक्शन पर ज्यादा चार्ज देना होगा। एटीएम से पैसा निकालना महंगा मौजूदा समय में बैंक एक माह में 3 से 5 बार एटीएम से फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा दे रहे हैं। इससे अधिक बार पैसा निकालने पर आपको प्रति ट्रांजैक्शन सर्विस टैक्स के साथ 10 रुपए से 20 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन देना होता है। ऐसे में 1 जुलाई से आपके लिए एटीएम से पैसा निकालना भी महंगा हो जाएगा। चेक बुक लेने पर भी चार्ज बैंक चेक बुक के लिए कस्टमर से सर्विस टैक्स के साथ 30 रुपए से लेकर 150 रुपए तक चार्ज लेते हैं। ऐसे में आपके लिए अब बैंक से चेक बुक लेने पर भी चार्ज देना होगा। खाता बंद कराने का भी चार्ज बढ़ा अभी बैंक अकाउंट बंद कराने के लिए भी सर्विस टैक्स के साथ 500 रुपए चार्ज लेते हैं। ऐसे में 1 जुलाई से आपको अपना बैंक अकाउंट बंद कराने के लिए अधिक चार्ज देना होगा। ऑन लाइन मनी ट्रांसफर भी महंगा मौजूदा समय में बैंक एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिए ऑनलाइफ फंड ट्रांसफर करने के लिए सर्विस टैक्स के साथ प्रति ट्रांजैक्शन अमाउंट के आधार पर 2 रुपए से लेकर 50 रुपए चार्ज वसूलते हैं। ऐसे में आपके लिए ऑनलाइन फंड ट्रांसफर भी महंगा हो जाएगा।
देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से सभी बैंकिंग और बीमा सेवाएं महंगी हो जाएंगी। आपको बैंक खाते में बैलेंस मेन्टेन करने, चेक बुक लेने, एटीएम से पैसे निकालने और ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने सहित सभी सेवाओं पर ज्यादा सेवा कर देना होगा। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल ने वित्तीय सेवाओं पर सेवा कर 18 फीसदी बढ़ा की घोषणा की है जो अभी 15 फीसदी है। इसका असर बीमा खरीदने पर भी पड़ेगा। यानी इन सब सेवाओं के बदले अब आपको ज्यादा रुपए देने होंगे। बैंक खाते में बैलेंस रखना जरूरी एसबीआई सहित निजी क्षेत्र के बैंकों ने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेन्टेन करने की लिमिट तय की हुई है। ऐसा नहीं करने पर बैंक सर्विस टैक्स के साथ 50 रुपए से लेकर 450 रुपए तक चार्ज ले रहे हैं। ऐसे में अगर आप अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेन्टेन नहीं करते हैं, तो आपको ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। प्रत्येक ट्रांसजेक्शन पर चार्ज- एसबीआई सहित कुछ बैंकों ने होम ब्रांच में एक माह में फ्री कैश ट्रांजैक्शन की लिमिट 3 तय कर दी है। इससे अधिक कैश ट्रांजैक्शन करने पर आपको सर्विस टैक्स के साथ प्रति ट्रांजैक्शन 50 रुपए देने होते हैं। बैंकिंग सेवाओं पर 18 फीसदी सर्विस टैक्स लागू होने से आपको अब 3 से अधिक कैश ट्रांजैक्शन पर प्रति ट्रांसजेक्शन पर ज्यादा चार्ज देना होगा। एटीएम से पैसा निकालना महंगा मौजूदा समय में बैंक एक माह में 3 से 5 बार एटीएम से फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा दे रहे हैं। इससे अधिक बार पैसा निकालने पर आपको प्रति ट्रांजैक्शन सर्विस टैक्स के साथ 10 रुपए से 20 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन देना होता है। ऐसे में 1 जुलाई से आपके लिए एटीएम से पैसा निकालना भी महंगा हो जाएगा। चेक बुक लेने पर भी चार्ज बैंक चेक बुक के लिए कस्टमर से सर्विस टैक्स के साथ 30 रुपए से लेकर 150 रुपए तक चार्ज लेते हैं। ऐसे में आपके लिए अब बैंक से चेक बुक लेने पर भी चार्ज देना होगा। खाता बंद कराने का भी चार्ज बढ़ा अभी बैंक अकाउंट बंद कराने के लिए भी सर्विस टैक्स के साथ 500 रुपए चार्ज लेते हैं। ऐसे में 1 जुलाई से आपको अपना बैंक अकाउंट बंद कराने के लिए अधिक चार्ज देना होगा। ऑन लाइन मनी ट्रांसफर भी महंगा मौजूदा समय में बैंक एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिए ऑनलाइफ फंड ट्रांसफर करने के लिए सर्विस टैक्स के साथ प्रति ट्रांजैक्शन अमाउंट के आधार पर 2 रुपए से लेकर 50 रुपए चार्ज वसूलते हैं। ऐसे में आपके लिए ऑनलाइन फंड ट्रांसफर भी महंगा हो जाएगा।
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