फोटो- 17 - पत्रकारों को जानकारी देते जिला पंचायत सदस्य।
जिला पंचायत सदस्य ने प्रेस वार्ता में लगाया आरोप
रीवा।
ग्रामीणों एवं गरीब परिवार के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं पर गांव के सरपंच और उनके रिश्तेदार कुंडली मारकर ऐसी योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ ले रहे हैं और पात्र हितग्राही इसके लिए भटक रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य जयवीर सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान ग्राम पंचायत उलहीकला के सरपंच पर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने और अपने रिश्तेदारों को लाभ दिलाकर लाखों रुपए की शासकीय राशि हजम करने का आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम पंचायत उलहीकला मनगवां तहसील अंतर्गत स्थित है। जहां महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत खेत, मेढ़ बंधान व समतलीकरण का कार्य करवाया गया है। लगभग 7 लाख रुपए के सरकारी राशि का उक्त योजना में उपयोग किया गया, लेकिन जो भी कार्य हुए वह सरपंच गिरिजा प्रसाद पटेल, ग्राम रोजगार सहायक आशीष पटेल अपने सगे संबंधियों का मस्टर रोल में नाम चढ़ाकर 5 लाख रुपए की राशि का आहरण किया है।
तालाब निर्माण के नाम पर 2 लाख रुपए राशि जिसमें से 1 लाख रुपए मजदूरी के नाम पर और एक लाख रुपए मटेरियल के नाम पर आहरित किया गया है। जिन लोगों का नाम मस्टर रोल में चढ़ाया गया वे या तो 70 से 80 वर्ष के वृद्घ हैं या फिर उनके करीबी रिश्तेदार और वे कभी कार्यों में हिस्सा नहीं लिए बल्कि मशीनों का उपयोग करके मनरेगा का कार्य करवाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव के जो पात्र हितग्राही हैं वे पैसे के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। जबकि सरपंच एक ही घर की अलग-अलग तरह की फोटो खींचकर अपने दादा, नानी आदि के नाम से आवास योजना का लाभ पैसा निकाल रहे हैं और इसमें पंचायत से जुड़े अधिकारी भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि पंचायत में इस तरह की विसंगतियों को लेकर उन्होंने जब शिकायत अतिरिक्त प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास राधेश्याम जुलानिया और जिले के प्रशासन से की तो उनके निर्देश पर जांच कमेटी का गठन करके जांच कार्य के लिए टीम को मौके पर भेजा गया था जहां सरपंच अपने गुर्गों के साथ मिलकर उक्त कार्य में न सिर्फ बाधा डालने का प्रयास किया बल्कि उप सरपंच के खिलाफ झूठा मुकदमा भी लगवाया गया है और इसमें भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की मिली भी मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि यह अकेले उलहीकला पंचायत में भ्रष्टाचार, मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नहीं हो रहा है। बल्कि जिले में अगर इसकी जांच कराई जाए तो पंचायत में करोड़ों का घोटाला सामने आ सकता हैं।
Comments
Post a Comment