सरकारी कॉलेजों में अभी भी प्राइवेट संस्थानों का कब्जा नहीं हो पाया है और इसके लिए कहीं न कहीं अतिथि विद्वानों के अथक परिश्रम और उनकी मेहनत का यह परिणाम है कि उच्च शिक्षा विभाग के सरकारी कालेज छात्र-छात्राओं से सुसज्जित हैं। जबकि स्कूल शिक्षा में प्राइवेट स्कूलों का बोलबाला है और सरकारी स्कूलें लगातार बंद हो रही हैं यह चिंतन का विषय है। टीआरएस कॉलेज के सभागार में अतिथि विद्वानों की दशा और दिशा विषय पर मुख्य अतिथि की आसंदी से अपनी बात रखते हुए देवतालाब विधानसभा के विधायक गिरीश गौतम ने यह बात कही है। अपने जोशीले उद्बोधन के दौरान उन्होंने कहा कि बंद कमरे में गोष्ठी करके समस्या का समाधान संभव नहीं है। अतिथि विद्वानों की जो भी दशा खराब है उसके लिए बंद कमरे की बजाय पुलिस थानों पर सामने आकर लड़ाई लड़नी होगी और हक पाने के लिए लड़ाई लड़ना लोकतंत्र में सभी का अधिकार होता है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि अतिथि विद्वानों की समस्या को वे मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे और उनका पूरा प्रयास होगा कि जो भी समस्या है उसका निराकरण हो सके।
लोकतंत्र के लिए करें सही चुनाव
सभागार में अपने जोशीले उद्बोधन के दौरान उन्होंने अतिथि विद्वानों के उस नारों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नारे लगाना छोड़ दें। सरकार बदलने से समाधान नहीं होगा। जो भी सरकारें हों वे अतिथि विद्वानों की समस्या का निराकरण करें और यह प्रयास करना होगा कि और इसके लिए लड़ाई भी लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि जाति से हटकर लोगों को अब लोकतंत्र बचाने के लिए योग्य और सही प्रतिनिधि का चुनाव करना होगा। तभी लोकतंत्र की रक्षा संभव होगी। कार्यक्रम के दौरान अधिवक्ता संघ के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पाण्डेय, सेवानिवृत्त उच्च शिक्षा विभाग के एडी रामनरेश तिवारी, सरपंच संघ के पदाधिकारी मुनीन्द्र तिवारी सहित अन्य लोगों ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वानों की दशा और दिशा जो विषय रखी गई है वह अहम है। दशा इसलिए कि वे कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को लगन और निष्ठा के साथ मेहनत करके पढ़ाई कराते हैं और कॉलेज की साख को बनाए हुए हैं और दिशा इसलिए कि अतिथि विद्वानों की जो भी मांगें हैं उसके तहत उन्हें स्थायी रूप से समान वेतन, समान कार्य एवं अन्य समस्याओं का निराकरण न होने के स्थिति खराब है। लेकिन वे चिंता न करें। हर समस्या का समाधान होता है और उनकी भी समस्याओं का समाधान सरकारें करेंगी।
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