आरक्षित वर्ग के स्कूली छात्र-छात्राओं को अब तक आंख मूंदकर दी जा रही स्कालरशिप पर प्रदेश सरकार ने अंकुश लगा दिया है। अब यदि छात्र-छात्राओं को स्कालरशिप चाहिए तो उन्हें कम से कम 75 फीसदी उपस्थिति देनी होगी। उच्च शिक्षा विभाग के बाद हाल ही में स्कूल शिक्षा विभाग ने भी इस संबंध में पत्र जारी कर जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि इसमें दिव्यांगों और गंभीर या लाइलाज बीमारी से पीड़ित छात्रों को थोड़ी राहत दी गई है।
संस्था प्रमुख के पास विकलांगता या बीमारी का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा सकेगी। लम्बे समय से बीमार छात्रों को भी मेडिकल रिपोर्ट सबमिट करनी पड़ेगी। आदेश आने के बाद संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा विभाग की ज्वाइंट डायरेक्अर रश्मि शुक्ला ने पत्र लिखकर संभाग के चारों डीईओ को निर्देश पालन करने के लिए कहा है।
इसलिए लेना पड़ा निर्णय
अब तक सरकारी स्कूल में नाम लिखाने के बाद छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति के हकदार हो जाते थे। आर्थिक स्थिति ठीक होने के बाद भी वे छात्रवृत्ति का दावा करते थे। स्कूल में नाम लिखवाने के बाद वे बड़े शहरों में ट्यूशन लेने चले जाते थे और स्कूल में परीक्षा के समय उपस्थित होते थे। जिसके कारण छात्र उपस्थिति कम दिखती थी। जिससे बड़ी धनराशि शासन को खर्च करनी पड़ती थी।
शिक्षा का स्तर बढ़ाने का प्रयास
निर्देश की व्याख्या करते हुए जेडी स्कूल शिक्षा रश्मि शुक्ला ने बताया कि जब छात्र 75 फीसदी उपस्थिति स्कूल में दर्ज कराएंगे तो उन्हें छात्रवृत्ति के साथ ही अध्ययन का भी लाभ मिलेगा। उपस्थिति अनिवार्य होने पर स्कूलों में छात्र संख्या भी ठीक रहेगी। जिससे स्कूल के शिक्षक पढ़ाएंगे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
मांगा गया है पालन प्रतिवेदन
शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो निर्देश जारी होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश का पालन प्रतिवेदन भी एक माह के अंदर मांगा गया है। एक माह की उपस्थिति भी संकुलवार जेडी कार्यालय में बुलाई गई है। उपस्थिति को लेकर समय-समय पर निरीक्षण रोस्टर भी तैयार किया जा रहा है। अनुपस्थित छात्र को उपस्थित न दिखाएं इसके लिए प्राचार्यों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। स्कूल समय पर निरीक्षण के दौरान उपस्थिति पंजी में उपस्थित मिलने वाले छात्र और क्लास में अनुपस्थिति की स्थिति में संस्था प्रमुख को जिम्मेदार माना जाएगा।
छात्रवृत्ति के मामले में शासन के सख्त निर्देश हैं। 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य की गई है। कम उपस्थित वाले छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। कुछ रेयर मामलों में छूट का प्रावधान भी रखा गया है।
-रश्मि शुक्ला, ज्वाइंट डायरेक्टर
स्कूल शिक्षा विभाग, रीवा।
उच्चशिक्षा के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया पत्र
दिव्यांगों और बीमार छात्रों को भी प्राचार्य को देना होगा प्रमाण
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