मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर 193 मीटर बढाया है। जिससे पांच गांव पानी में टापू बन गए। खुद के खेत में बालिका खेलते समय डूब गई।
खंडवा. ओंकारेश्वर बांध के जलस्तर को बढ़ाकर १९३ मीटर कर दिया गया। एेसे में गांव और लोगों के घर टापू बन गए हैं। लोगों को घरों से बाहर निकलने में परेशानी हो रही है। पानी भरने से बुधवार दोपहर एक ढाई साल की बालिका की डूब कर मौत हो गई। वहीं सुबह एक सांड भी पानी में मृत मिला। गांव के अजय गोस्वामी ने बताया कि एखंड गांव की रतन की ढाई साल की बेटी सुनीता घर के आसपास खेल रही थी। कुछ देर बाद ही जब उसकी आवाज नहीं आई तो घर वालों ने खोजना शुरू किया तो वह घर के पास ही मृत मिली। इसके बाद गांव वाले एकत्रित हो गए। उन्होंने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। गांव वाले ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान एक ओर मामा कह रहे हैं। दूसरी ओर बच्चियों को मरने पर भी उनको कोई असर नहीं हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि गांव वाले अब अपनी सामूहिक आत्महत्या करेंगे। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनाम बनाया।
मौत के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार: आप खंडवा. ग्राम एखंड में हुई ढाई वर्षीय बालिका सुनीता की मौत के बाद बुधवार को आम आदमी पार्टी ने आरोप लगते हुए कहा कि बालिका की मौत के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। नर्मदा बचाओ आंदोलन की वरिष्ठ कार्यकर्ता व आप की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चित्तरूपा पालित ने कहा बालिका की मौत खेत में पानी भरने से डूबकर हुई है। बालिका के घर के तीन तरफ ओंकारेश्वर बांध का पानी भरने से यह दुर्घटना हुई। वहीं कलेक्टर अभिषेक सिंह ने कहा कि बालिका की मौत कुएं में डूबने से हुई है। जबकि कोई भी अधिकारी द्वारा घटनास्थल का मुआयना नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बालिका की मौत के लिए शिवराज सरकार जिम्मेदार है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करके प्रदेश सरकार द्वारा बांध का जलस्तर 189 मीटर से बढ़ाकर 192.57 मीटर कर दिया गया है। जबकि कलेक्टर खंडवा द्वारा 10 सिंतबर 2017 को जारी आदेश में स्वीकार किया है कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार बांध में पानी 189 मीटर तक ही भरने की अनुमति है। उन्होंने सरकार से जलस्तर कम करने की मांग की है, नहीं तो आंदोलन किया जाएगा।
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