मध्यप्रदेश के खंडवा में जीएसटी का असर बाजार के साथ ही दशहरा के रावण पर भी पड़ा है। ढाई लाख का रावण अब 3.5 लाख में बनाया है,
अवधेश गंगराड़े खंडवा. त्योहारों की रंगत को जीएसटी ने फीका कर दिया है। इसका असर व्यापारी सहित उत्सव पर भी पड़ रहा है। पहले जहां रावण के पुतला बनाने से लेकर दहन में करीब ढाई लाख का खर्च आता था जो बढ़कर ३.५० लाख रुपए हो गया है। क्योंकि १८ प्रतिशत जीएसटी लगने से सभी सामान का रेट बढ़ गया है। वहीं ताजिए की लागत में भी ३० हजार रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। कारीगरों को भी टैक्स के चलते कम पैसे की बचत हो रही है। साथ ही सामग्री खरीदने के लिए अधिक व्यय करना पड़ रहा है। शहर में पांच स्थानों पर बडे़ रावण दहन किए जाएंगे। इसमें रामनगर, स्टेडियम, मोतीलाल नेहरू स्कूल मैदान, एनएन कॉलेज खेल मैदान शामिल हैं। इनकी लागत में एक लाख रुपए अधिक लग रहे हंै। समिति कम खर्च या आयोजन को बरकरार रखने के लिए प्रयास कर रही है
आतिशबाजी सहित अन्य खर्चे भी बढ़े नवचंडी रावण उत्सव समिति के बाबा गंगाराम ने बताया पिछले साल २.५ लाख की लागत से रावण दहन किया गया था लेकिन इस साल अतिशबाजी सहित रावण बनवाने में एक लाख रुपए से अधिक खर्च आ रहा है। अतिशबाजी में १ लाख खर्च किए थे जो इस साल १.२८ लाख की हो गई। रावण निर्माण में १.५ लाख खर्च किए थे जो अब यह खर्च २.५ लाख हो गाया है।
कलाकार बोले- अब नहीं बच रहे रुपए इंदौर से आए रावण बनाने के लिए कलाकारों ने बताया पहले के सालों में कुछ कमा कर ले गए थे। इस बार उतने पैसे नहीं निकल पाएंगे। ठेके पर रावण बना रहे हैं लेकिन जो सामग्री लग रही हैं उस पर टैक्स अधिक लगने से परेशानी हो रही है। नवचंडी देवी धाम पर रावण तैयार कर रहे कैलाश पालीवाल ने बताया पिछले साल करीब ३० हजार रुपए बचे थे, लेकिन इस बार दस हजार ही बचने की उम्मीद है। टीम में मनोज, राजेश, राजू सहित अन्य सदस्य भी हंै।
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