रीवा। अपने दृढ़ लक्ष्य और मजबूत इरादों के बूते एक हवलदार के बेटे ने देश की उच्च सेवा भारतीय वन सेवा में चयनित होकर न केवल अपने परिवार अपितु पूरे जिले का गौरव बढ़ाया है।
वह यूपी कैडर में डीएफओ के पद पर तैनात किया जायेगा। हम बता रहे हैं जिले के नईगढ़ी तहसील के सोनवर्षा निवासी संदीप सिंह की।
जिसने अपने कठिन परिश्रम के दम पर मार्ग में आने वाली सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए यह कामयाबी हासिल की है। संदीप के पारिवारिक पृष्ठभूमि एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखती है। संदीप के पिता कन्हैया लाल सिंह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेवानिवृत हवलदार हैं। माता निशा सिंह साधारण गृहणी हैं। संदीप ने प्रारंभिक शिक्षा रीवा में प्राप्त की। कहते हैं होनहार विरवान के होत चीकने पात। संदीप का कुछ ऐसा ही हाल था। वह पहली कक्षा से अपने लास में अव्वल रहते थे। पहली से सातवीं तक की पढ़ाई संदीप ने गीता ज्योति स्कूल रीवा से की। आठवीं की पढ़ाई मॉडल स्कूल में की और 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई विक्रम स्कूल भोपाल से की। संदीप का शुरुआती उद्देश्य आईआईटी करना था। इसलिए वह 11वीं कक्षा की अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू किये।
शिक्षकों द्वारा एकाएक माध्यम बदलने पर मना भी किया गया लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति के धनी संदीप ने नहीं माना और दुगुनी मेहनत करते हुए 11 और 12 न केवल अच्छे अंकों से उतीर्ण की, अपितु पहले ही प्रयास में आईआईटी परीक्षा उतीर्ण कर ली। हालांकि मार्क कम होने से प्रवेश नहीं लिया और कोटा में तैयारी कर अच्छी रैंक के साथ आईआईटी कानपुर में प्रवेश हासिल किया। एरो स्पेस इंजीनियरिंग की उपाधि हासिल करने के बाद वह सरकार की मदद से एमएस करने यूएसए चले गए। संदीप आईआईटी के साथ बचे समय में आइएएस की तैयारी करने लगे। लगातार तीन बार वह आइएएस के इंटरव्यू में विफल रहे, लेकिन चौथी बार भारतीय वन सेवा (आईएफएस) में केवल चयन ही नहीं हुआ अपितु अखिल भारतीय स्तर पर 40वीं रैंक मिली।
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