हेडगेवार नगर में आधा दर्जन से अधिक शैक्षणिक संस्थान, शिकायतों के बाद भी निगम प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई
रीवा. शहर की आवासीय कॉलोनियों में व्यवसायिक कारोबार धड़ल्ले के साथ चल रहा है। यह सब नगर निगम की जानकारी में है फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कई ऐसी कॉलोनियां हैं जिनका निर्माण आवासीय प्रयोजन के लिए हुआ था, लेकिन इनदिनों वहां व्यवसायिक कारोबार इतना तेजी से बढ़ा है कि आवास के लिए स्थान ही नहीं बचा। सभी मकानों में किसी न किसी व्यवसायिक संस्था का संचालन हो रहा है।
परिषद में भी उठ चुका है सवाल
पूर्व में नगर निगम परिषद में भी इस पर सवाल उठाया जा चुका है, साथ ही महापौर एवं निगम आयुक्त के साथ कई अलग-अलग शिकायतें भी दी गई हैं। नगर निगम का निर्माण विभाग इन कॉलोनियों में व्यवसायिक प्रयोजन से निर्माण की अनुमति दिए जा रहा है तो वहीं राजस्व विभाग टैक्स वसूली में नरमी बरत रहा है जिसके चलते आवासीय क्षेत्र के हिसाब से कम टैक्स लिया जा रहा है।
हेडगेवार नगर का मूलस्वरूप बदला
शहर के मध्य कॉलेज चौराहे के पास हेडगेवार नगर के नाम से आवासीय कॉलोनी की स्थापना की गई थी। यहां पर अब शैक्षणिक संस्थान, नर्सिंग होम, क्लीनिक, रेस्टोरेंट, मार्केटिंग कंपनियों सहित अन्य ऐसे संस्थानों के कार्यालय हैं जो व्यवसायिक प्रयोजन के हिसाब से काम करते हैं। निगम के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ही यहां पर स्थित पार्क में भी निर्माण की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन बाद में मामला खुला तो उसे निरस्त कर फिर से पार्क को विकसित करने के लिए कहा गया है।
मास्टर प्लान की हो रही अनदेखी
हेडगेवार नगर सहित अन्य कई मोहल्लों में मास्टर प्लान में प्रस्ताव से लेकर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और नगर निगम की मंजूरी आवासीय श्रेणी में होने के बाद भी व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। सीएम हेल्प लाइन सहित निगम के अधिकारियों से सीधे कई शिकायतें की गई हैं कि आवासीय कॉलोनियों का व्यवसायिक उपयोग रोका जाए। मास्टर प्लान का पालन कराया जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।
रजिस्ट्रेशन पर भी उठ चुके हैं सवाल
बीते साल नगर निगम ने विकास संरचनाओं को गति देने के लिए आयोजित की कार्यशाला में मंत्री और कलेक्टर के सामने इस आशय के सवाल उठाए गए थे कि आवासीय कॉलोनियों में जिन जगहों पर कारोबार की अनुमति नहीं होती, वहां नगर निगम का दुकान एवं स्थापना पंजीयन विभाग शॉप एक्ट का रजिस्ट्रेशन कर कारोबार का लाइसेेंस कैसे दे देता है। उस दौरान कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था लेकिन अब तक स्थिति वही है।
कार्रवाई करेगा निगम
नगर निगम रीवा के उपायुक्त रामेश्वर सोनी का कहना है कि आवासीय कॉलोनी में व्यवसायिक कारोबार की अनुमति नियमों के तहत दी जाती है। मनमानी रूप से स्वरूप बदलने पर जुर्माना लगाने और टैक्स बढ़ाने का प्रावधान है। सभी वार्डों की समीक्षा की जाएगी, जहां विसंगतियां होंगी कार्रवाई करेंगे।
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