जिला सत्र न्यायालय गेट और कमिश्नर कार्यालय के बीच 10 मीटर के अंतराल में दो धरना आन्दोलन पिछले कई दिनों से चल रहा था। न्यायालय गेट पर अधिवक्ता विजय मिश्रा 38 दिनों से अपना धरना आन्दोलन कर रहे हैं तो वहीं कमिश्नर कार्यालय गेट के सामने आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी गौरव वर्मा एवं मान बहादुर पटेल लगभग एक सप्ताह से भूख हड़ताल करके आप के प्रदेश संयोजक की रिहाई की मांग कर रहे थे। दोनों अनशनकारियों के का स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण जहां मान बहादुर पटेल को पूर्व में अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो वहीं मंगलवार को सिविल लाइन थाना प्रभारी अरूण सोनी धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने गौरव वर्मा के स्वास्थ्य में आ रही गिरावट के चलते उन्हें धरना स्थल से अस्पताल ले गए। बताया जा रहा है कि अनशनकारी को चक्कर आ रहा था और उसका ब्लड प्रेसर भी कम हो गया था जिसके चलते वह अनशन स्थल पर न सिर्फ सुस्त पड़ा हुआ था बल्कि उसे तरह-तरह की समस्या भी आ रही थी। इस दौरान आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहे। दोनों अनशनकारियों को धरना स्थल से हटाए जाने के बाद कश्मिनर कार्यालय गेट के सामने लगी हुई तम्बू को हटा लिया गया है। वहीं आप नेताओं ने कमिश्नर को एक ज्ञापन पत्र महामहीम राज्यपाल के नाम सौंपा है जिसमें आप नेता आलोक के रिहाई की मांग की गई है।
न्यायालय गेट से हटाया गया पंडाल
वहीं न्यायालय गेट पर अधिवक्ता विजय मिश्रा और सहयोगी अधिवक्ताओं द्वारा रात-दिन का धरना आन्दोलन किया जा रहा है। अधिवक्ता विजय मिश्रा ने बताया कि मंगलवार को जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष के द्वारा लगा हुआ पंडाल हटवा दिया गया है। अब उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा कि आखिर क्या वजह है कि एक तरफ अधिवक्ता संघ न्यायालय स्थानांतरण का विरोध करते हुए आन्दोलन की बात कह रहे हैं तो दूसरी तरह धरना स्थल से पंडाल हटाकर धरना आन्दोलन में व्यवधान डाला गया है। हालांकि उनका कहना था कि वे अपने अन्य अधिवक्ताओं से चर्चा करने के बाद अपनी अगली रणनीति तय करेंगे। इसके पूर्व तक उनका न्यायालय गेट में धरना आन्दोलन जारी रहेगा।
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