वन विभाग की टीम अलर्ट: बैकुंठपुर थाने की पुलिस ने दो शावकों को सड़क किनारे खड़े देखा, कुनबे सहित वनराज का विचरण
रीवा। जिले के तराई अंचल में वनराज ने कुनबे सहित दस्तक दी है। जंगल में बाघ के दो छोटे शावक देखे जाने की सूचना पर वन विभाग की टीम अलर्ट हो गई है। सभी रेंजरों को नजर रखने के साथ ग्रामीणों को भी इसकी जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के अनुसार जिले के तराई अंचल में बाघ के एक झुंड ने दस्तक दी है।
बाघों का यह झुंड तराई के जंगलों में विचरण कर रहा है। शनिवार शाम अतरैला वन परिक्षेत्र के बरदहा घाटी में शाम करीब साढ़े 6 बजे बाघ के दो शावकों को देखा गया। बैकुंठपुर थाने की पुलिस टीम अतरैला की तरफ से बैकुंठपुर की ओर आ रही थी। तभी बरदहा घाटी के नीचे मंदिर के समीप दो नन्हे शावकों को रोड के किनारे खड़े देखा।
शावकों की मौजूदगी इस बात को प्रमाणित
जैसे ही उन्होंने फोटो खींचने के लिए मोबाइल निकाला तभी दोनों शावक जंगल की ओर भाग गए। शावकों की मौजूदगी इस बात को प्रमाणित करती है कि उनके साथ बाघिन भी होगी जो अपने बच्चों के साथ तराई में विचरण कर रही है। तराई में पिछले तीन माह से बाघों का झुंड विचरण कर रहा है जो तराई में डेरा डाले हुए है। करीब माह भर पूर्व ही अतरैला पुलिस ने जंगल में सर्चिंग के दौरान बऊलिया घाटी में बाघ देखा था। संभावना जताई जा रही है कि बाघों का यह झुंड बरदहा घाटी व बऊलिया घाटी के बीच विचरण कर रहा है।
सतर्क रहने की हिदायत
बाघों की सूचना मिलते ही वन विभाग ने रेंजरों को अलर्ट कर दिया है। साथ ही जंगलों में बसे गांवों में लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। हालांकि बाघों के इस झुंड ने अभी किसी गांव का रुख नहीं किया है। प्रतिदिन काफी संख्या में लोग जंगलों में मवेशी चराने जाते हैं। उन सभी लोगों को सचेत रहने को कहा गया है।
करीब तीन माह है शावकों की उम्र
बरदहा घाटी में जिन शावकों को देखे जाने का दावा पुलिस ने किया उनकी उम्र तीन माह के आसपास हो सकती है। शावक सामान्य से थोड़ा बड़े थे। इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इन शावकों का जन्म जिले के तराई अंचल में ही हुआ है क्योंकि लगभग इसी अवधि से यहां बाघों को देखे जाने की घटनाएं भी सामने आ रही है।
3 माह से लगातार आ रही सूचना
तराई में बाघ देखे जाने की सूचना तीन माह से आ रही है। कई ग्रामीणों ने भी जंगल में बाघ देखकर इसकी सूचना वन विभाग को दी थी। हालांकि वन विभाग की टीम ने जब आसपास के जंगलों में ढूंढा तो बाघ नहीं मिला था। ग्रामीणों की सूचना को वन विभाग की ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रही थी, लेकिन अब पुलिस द्वारा बाघ देखने की सूचना ने विभाग की नींद उड़ा दी है।
चित्रकूट व मझगवां जंगल से आते हैं बाघ
जिले के तराई अंचल में चित्रकूट व मझगवां के जंगल की तरफ से अक्सर बाघों का झुंड आता है। यह झुंड सेमरिया थाने के ककरेड़ी, मैनहा व कटाई जंगलों से होते हुए बरदहा घाटी, बऊलिया घाटी, रिमारी, खाझा, गर्भे, बंडे, जदुआ सहित अन्य जंगलों में ही विचरण करता है। तीन साल पूर्व भी सेमरिया थाने के ककरेड़ी जंगल में बाघ पद चिन्ह मिले थे जिस पर वन विभाग ने पूरे इलाके में सर्चिंग कराई थी। सेमरिया के पुर्वा फाल के आसपास भी कई बार लोगों ने बाघ देखने का दावा किया है। इस इलाके में बाघ देखे जाने की सूचना पहले भी कई बार आ चुकी है। हमने संबंधित स्थानों पर वन विभाग के अमले को भेजा था लेकिन बाघ नहीं मिला है। अब बरदहा घाटी में बाघ के बच्चों को देखने की सूचना आई तो रेंजरों को अलर्ट कर सर्चिंग के निर्देश दिए गए है।
एसपी सिंह गहरवार, उप वन मंडालाधिकारी
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