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SERVER फेल: भटकते रहे लोग, अटकी रहीं रजिस्ट्रियां


सतना | रजिस्ट्रेशन एवं स्टॉम्प विभाग के ई-संपदा के सर्वर में तकनीकी खराबी की वजह से शुक्रवार को करीब एक सैकड़ा से अधिक रजिस्ट्रियां अधर में लटक गई हैं।  दिनभर सर्वर के ठीक होने के इंतजार में कलेक्ट्रेट स्थिति उप पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री करवाने वालों का जमघट लगा रहा।
हालत यह थे कि राजरू शासन को करोड़ों का टैक्स देने वाले सतना के जिला मुख्यालय स्थित उप पंजीयक कार्यालय में खड़े होने के लिए जगह नहीं थी। इतना ठंड होने के बावजूद कार्यालय के अंदर गर्मी  से लोग परेशान थे। बैठने की कोई व्यवस्था नहीं, पीने के लिए पानी मिलने की उम्मीद करना भी बेकार था। इधर अफसर भी भोपाल मुख्यालय से सर्वर में आई तकनीकी खराबी के दूर होने की सूचना लेते रहे।
... तो क्या शनिवार को भी रहेगी पेंच 
रजिस्ट्रेशन एवं स्टॉम्प विभाग के ई-संपदा के सर्वर में आई तकनीकी खराबी की वजह से शुक्रवार महज चार रजिस्ट्री हो पाई जबकि पूरे जिले भर में 108 स्लॉट बुक थे। इन सभी स्लॉट को अगले दिन के रिस्ड्यूल किए जाने के साथ-साथ चार माह में किसी दिन रजिस्ट्री कराए जाने की व्यवस्था है लेकिन शनिवार को पहले से स्लॉट बुक होने से एक नई पेच फस गई है।
सूत्रों की माने तो पहले से बुक किए गए स्लॉट की रजिस्ट्री की जाएगी। इसके बाद शुक्रवार को बुक किए गए स्लॉट की रजिस्ट्री होगी। सूत्रों की माने तो एक उप पंजीयक की आईडी में एक दिन में महज 33 रजिस्ट्रियों के स्लॉट बुक किए जा सकते हैं। जिला मुख्यालय में तीन उपपंजीयकों के तैनात होने से एक दिन में 99 से अधिक रजिस्ट्री नहीं कर सकते। 
स तरह तकनीकी कमी पर डाले रहे पर्दा 
आॅनलाइन रजिस्ट्री की प्रकिया शुरू होने के बाद सर्वर में आए दिन तकनीकी खराबी को छुपाने के लिए मुख्यालय ने खूब प्रयोग किए। इसके लिए पहले एक रजिस्ट्री में लगने वाले समय को घटने बढ़ाने का प्रयोग किया। इसमें सफल नहीं हुए तो स्लॉट बुक किए जाने की समय सीमा कम कर दी गई। सूत्रों की माने तो मार्च 2016 के पहले एक रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पूरा करने में महज 6 मिनट का समय तय किया गया था। सही सफलता नहीं मिलने पर तकनकी कमी को दूर करने की बजाय पर्दा डालने का काम मुख्यालय के अफसरों द्वारा किया गया।
मार्च 2016 में एक रजिस्ट्री में लगने वाले समय में15 मिनट तय किए गए थे। समय में बदलाव करते हुए 10 मिनट तय कर दिया गया। इसी तरह स्लॉट के बुक किए जाने की समय सीमा में भी बदलाव कर दिया गया। स्लॉट बुक करने में एक घंटे का समय घटाते हुए साढ़े पांच बजे की बजाय साढ़े चार बजे कर दिया गया। स्लॉट की बुकिंग कम होगी तो रजिस्ट्रिी भी कम होगी लेकिन सर्वर की तकनीकी  को दूर नहीं किया गया ताकि सही बराबर लिंक मिलने से आसानी से रजिस्ट्री हो सके। इस तरह से सर्वर में तकनीकी कमी में पर्दा डालने का प्रयास किया गया। 
सर्वर में तकनीकी खराबी की वजह से शुक्रवार को रजिस्ट्री नहीं होने की सूचना को प्रदेशभर के रजिस्ट्रेशन एवं स्टॉप विभाग के पंजीयक अधिकारी ने इस सच्चाई को छुपा गए। शुक्रवार को आईजी कल्पना श्रीवास्ताव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेशभर के रजिस्ट्रारों की बैठक कर समीक्षा की। लेकिन किसी ने यह नहीं बताया कि सर्वर काम नहीं करने से रजिस्ट्री नहीं हो पा रही।
करीब एक घंटे बाद जब इस मामले को भोपाल स्थित मुख्यालय आईजी कल्पना श्रीवास्तव को अवगत कराया गया जिसमें उन्होंने कहा कि इस तरह की समस्या नहीं है। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हकीकत का पता लगाया तो यह मामला सच निकला। इसके बाद सर्वर में आई तकनीकी खराबी को दूर किए जाने का आदेश दिया और विभाग भी सक्रिय हुआ। सवाल यह कि प्रदेशभर के अफसरों ने आखिर सर्वर काम नहीं करने की सूचना आखिर मुख्यालय को क्यों नहीं बताई। क्या अफसर नहीं चाहते कि सर्वर सही ढंग से काम करे ताकि बिना किसी बाधा के अधिक से अधिक राजस्व मिल सके। 
सर्वर के सही तरीके से काम करने की जानकारी नहीं थी। जैसे ही सर्वर के खराब होने की सूचना मिली तो मुख्यालय को अवगत कराया गया है। मुख्यालय से भी सूचना मांगी गई। कामोवेश इस तरह के हालात पूरे प्रदेश भर में हैं। अब तो स्लॉट के बढ़ाए जाने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। संभवत: शनिवार से सर्वर काम करना शुरू कर देगा। 
संध्या सिंह, पंजीयक रजिस्ट्रार एवं स्टाम्प विभाग सतना  

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