सतना। क्राइम कंट्रोल करने के लिए प्रदेश भर में डॉयल 100 योजना के तहत एफआरवी (फास्ट रिस्पांस व्हीकल) की तैनाती की गई। डायल 100 से क्राइम कंट्रोल करने में मदद भी मिल रही है, लेकिन डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मी बिना हथियार के इवेन्ट की सूचना पर संवेदनशील जगहों पर जा रहे हैं, कई मर्तबा डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मियों पर हमला हो चुका है। पुलिस कर्मियों के पिटने और पन्ना जिले में डायल 100 के पुलिस कर्मियों को बंधक बना कर युवती का अपहरण किए जाने की वारदात के बाद भी स्थिति जस की तस है।
बिना बंदूक के गश्त
जिले में डायल 100 योजना के तहत एफआरवी के 26 नोडल प्वाइंट हैं, जहां पर तैनात डायल 100 कॉलर की सूचना पर संबंधित जगह पहुंचती है। दिन और रात के समय इलाके में गश्त करती है पर दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि दिन तो ठीक है रात के समय डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मी निहत्था होता है। उसके हाथ में सिर्फ डंडा रहता है। बिना बंदूक के डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मी चालक के साथ संवेदनशील इलाकों में गश्त करता है, जबकि ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी को अपने साथ हथियार रखना चाहिए, पर जिम्मेदारी से बचने के लिए पुलिस कर्मी हथियार लेने से बचते हैं।
जिले में डायल 100 योजना के तहत एफआरवी के 26 नोडल प्वाइंट हैं, जहां पर तैनात डायल 100 कॉलर की सूचना पर संबंधित जगह पहुंचती है। दिन और रात के समय इलाके में गश्त करती है पर दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि दिन तो ठीक है रात के समय डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मी निहत्था होता है। उसके हाथ में सिर्फ डंडा रहता है। बिना बंदूक के डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मी चालक के साथ संवेदनशील इलाकों में गश्त करता है, जबकि ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी को अपने साथ हथियार रखना चाहिए, पर जिम्मेदारी से बचने के लिए पुलिस कर्मी हथियार लेने से बचते हैं।
ड्यूटी में सिर्फ एक पुलिसकर्मी
अमूमन हर थाना क्षेत्र के डायल 100 में एक आरक्षक या प्रधान आरक्षक की ड्यूटी लगाई जा रही है। रात के समय भी डायल 100 में पुलिस कर्मियों की संख्या नहीं बढ़ाई जाती। जानकारों का कहना है कि रात के समय बड़ी वारदातें घटित होती हैं। ऐसी स्थिति में रात के समय डायल 100 में दो से ज्यादा पुलिस कर्मी डायल 100 में तैनात रहना चाहिए ताकि मामूली झगड़े को मौके पर ही शांत कराया जा सके। बड़ी वारदात है तो स्थिति को तत्काल नियंत्रित करने में मदद मिल सके।
अमूमन हर थाना क्षेत्र के डायल 100 में एक आरक्षक या प्रधान आरक्षक की ड्यूटी लगाई जा रही है। रात के समय भी डायल 100 में पुलिस कर्मियों की संख्या नहीं बढ़ाई जाती। जानकारों का कहना है कि रात के समय बड़ी वारदातें घटित होती हैं। ऐसी स्थिति में रात के समय डायल 100 में दो से ज्यादा पुलिस कर्मी डायल 100 में तैनात रहना चाहिए ताकि मामूली झगड़े को मौके पर ही शांत कराया जा सके। बड़ी वारदात है तो स्थिति को तत्काल नियंत्रित करने में मदद मिल सके।
नहीं मान रहे एसपी का निर्देश
पड़ोसी जिले पन्ना के अमानगंज थाना क्षेत्र में डायल 100 की पुलिस कर्मियों को बंधक बनाकर वर्दी उतरवा युवती का अपहरण करने की सनसनीखेज की वारदात के बाद एसपी राजेश हिंगणकर ने कड़े निर्देश जार किए थे कि डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मी अतिरिक्त सतर्कता बरतें। आपराधिक घटना की सूचनाओं को तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराएं। गश्त के समय बंदूक लिए रहें, परंतु आज भी हालात यह है कि डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मी बंदूक लेने की बजाय डंडा लेकर गश्त कर रहे हैं, जबकि जिले में भी डायल 100 के पुलिस कर्मियों पर हमले हो चुके हैं।
पड़ोसी जिले पन्ना के अमानगंज थाना क्षेत्र में डायल 100 की पुलिस कर्मियों को बंधक बनाकर वर्दी उतरवा युवती का अपहरण करने की सनसनीखेज की वारदात के बाद एसपी राजेश हिंगणकर ने कड़े निर्देश जार किए थे कि डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मी अतिरिक्त सतर्कता बरतें। आपराधिक घटना की सूचनाओं को तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराएं। गश्त के समय बंदूक लिए रहें, परंतु आज भी हालात यह है कि डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मी बंदूक लेने की बजाय डंडा लेकर गश्त कर रहे हैं, जबकि जिले में भी डायल 100 के पुलिस कर्मियों पर हमले हो चुके हैं।
ड्यूटी में भी मुंहदेखी
भले ही डायल 100 के कारण क्राइम कंट्रोल करने में पुलिस को मदद मिल रही हो, पुलिस के आला अधिकारी डायल 100 की उपयोगिता को मान रहे हों, परंतु डायल 100 में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाने में लापरवाही बरती जा रही है। महत्वपूर्ण सेवा होने के बावजूद डायल 100 में थाने के बुजुर्ग और ढीले पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
भले ही डायल 100 के कारण क्राइम कंट्रोल करने में पुलिस को मदद मिल रही हो, पुलिस के आला अधिकारी डायल 100 की उपयोगिता को मान रहे हों, परंतु डायल 100 में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाने में लापरवाही बरती जा रही है। महत्वपूर्ण सेवा होने के बावजूद डायल 100 में थाने के बुजुर्ग और ढीले पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
सूत्र भी बताते हैं कि जिन पुलिस कर्मियों को थाना प्रभारियों के द्वारा जिम्मेदारी का काम नहीं दिया जाता उनकी ड्यूटी ही डायल 100 में गश्त में लगाई जाती है, जबकि जरूरत तेजतर्रार और मौके की नजाकत को भांपने वाले पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाने की है।
रामनगर-कोटर में हो चुके हमले
जिले के रामनगर थाना इलाके में दो पक्षों के विवाद की सूचना पर डायल 100 मौके पर पहुंची। विवाद को शांत कराने के दौरान आरोपियों ने डायल 100 में तैनात प्रधान आरक्षक के ऊपर हमला बोल दिया था। गाली-गलौज कर प्रधान आरक्षक के साथ मारपीट की थी। प्रधान आरक्षक को भाग कर जान बचानी पड़ी।
जिले के रामनगर थाना इलाके में दो पक्षों के विवाद की सूचना पर डायल 100 मौके पर पहुंची। विवाद को शांत कराने के दौरान आरोपियों ने डायल 100 में तैनात प्रधान आरक्षक के ऊपर हमला बोल दिया था। गाली-गलौज कर प्रधान आरक्षक के साथ मारपीट की थी। प्रधान आरक्षक को भाग कर जान बचानी पड़ी।
इस मामले में आधा दर्जन आरोपी नामजद किए गए थे। इसी तरह कोटर थाना इलाके में डायल 100 के चालक के साथ झूमा-झटकी हुई। ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी को भी धमकाया गया। इन दो घटनाओं के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मियों को बंदूक लेकर गश्त करने के लिए तैयार नहीं हो पा रहे हैं।
संवेदनशील प्वाइंट पर भी लापरवाही
यूं तो दस्यु प्रभावित इलाके की डायल 100 में ड्यूटी के दौरान पुलिस कर्मी बंदूक से लैस रहते हैं, लेकिन रात के समय पुलिस कर्मी और चालक साथ में रहते हैं। नयागांव थाना इलाके के गुप्त गोदावरी नोडल प्वाइंट संवेदनशील जगह है। दस्यु प्रभावित इस प्वाइंट में डायल 100 के साथ चालक और एक पुलिस कर्मी रात के समय तैनात रहता है, जबकि इस प्वाइंट के आसपास असलहों से लैस डकैतों का गिरोह अक्सर निकलता रहता है।
यूं तो दस्यु प्रभावित इलाके की डायल 100 में ड्यूटी के दौरान पुलिस कर्मी बंदूक से लैस रहते हैं, लेकिन रात के समय पुलिस कर्मी और चालक साथ में रहते हैं। नयागांव थाना इलाके के गुप्त गोदावरी नोडल प्वाइंट संवेदनशील जगह है। दस्यु प्रभावित इस प्वाइंट में डायल 100 के साथ चालक और एक पुलिस कर्मी रात के समय तैनात रहता है, जबकि इस प्वाइंट के आसपास असलहों से लैस डकैतों का गिरोह अक्सर निकलता रहता है।
18 दिसम्बर 2015 की रात दस बजे के करीब बगदरा घाटी में डकैत शिवा गिरोह ने अंधाधुंध फायरिंग कर भिंड के पर्यटक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस वक्त भी डायल 100 के साथ एक पुलिस कर्मी गुप्त गोदावरी नोडल प्वाइंट में तैनात था। ऐसे में जानकारों का कहना है कि संवेदनशील प्वाइंट में तैनात डायल 100 में रात के समय हथियारबंद कई पुलिस कर्मियों की ड्यूटी बेहद ही आवश्यक है
Comments
Post a Comment