भोपाल | प्रदेश में 8 शासकीय विभाग की 30 प्रकार की छात्रवृत्ति समग्र शिक्षा पोर्टल के माध्यम से आॅनलाइन वितरित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इस व्यवस्था में प्रदेश की समस्त सरकारी और प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत एक करोड़ 48 लाख विद्यार्थियों की प्रोफाइल को आॅनलाइन किया गया है। इसके आधार पर छात्रवृत्ति की गणना कर उसका वितरण सुनिश्चित किया गया है।
इसके लिए प्रत्येक स्कूल के विद्यार्थियों का समग्र यूनिक आईडी के आधार पर उनके स्कूल के डाइस कोड के साथ मेपिंग कर कक्षावार और स्कूलवार नामांकन आॅनलाइन लेने का सिस्टम ‘समग्र शिक्षा पोर्टल’ एनआईसी के माध्यम से तैयार किया गया है। पोर्टल में प्रत्येक छात्र की प्रोफाइल में जाति, माता-पिता का व्यवसाय, परिवार की वार्षिक आय, बीपीएल स्टेटस, छात्रावास स्टेटस और छात्र के गत वर्ष के परीक्षा परिणाम को शामिल किया गया है।
- करीब 1.50 करोड़ छात्रों की प्रोफाइल हुई ऑनलाइन
- प्रत्येक छात्र की यूनिक आईडी होने से दोहरा प्रवेश और छात्रवृत्ति संबंधी दोहरीकरण व्यवस्था समाप्त
खातों में भेजी गई राशि - स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आॅनलाइन छात्रवार एवं कक्षावार नामांकन एवं उनका प्रोफाइल डिजिटलाइज्ड होने के कारण सभी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति वितरण के साथ-साथ विभाग की अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन भी आॅनलाइन किया गया है। डायरेक्ट बेनिफिट की पहल को आगे बढ़ाते हुए कक्षा-एक से कक्षा-12 तक अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को 30 प्रकार की छात्रवृत्तियां, साइकिल वितरण, गणवेश और लेपटॉप आदि की राशि भी सीधे उनके खाते में भेजी गई हैं।
इस प्रक्रिया से छात्रों को समय पर मिलने लगी छात्रवृत्ति
यह प्रक्रिया प्रभावशील हो जाने से छात्रवृत्ति की राशि छात्रों को समय पर मिलने लगी है। साथ ही मध्यस्थों की भूमिका भी समाप्त हो गई है। मिशन वन क्लिक में प्रत्येक छात्र की यूनिक आईडी होने से शिक्षण संस्थाओं में दोहरा प्रवेश और छात्रवृत्ति संबंधी दोहरीकरण की समस्या भी समाप्त हो गई है। पूर्व में एक ही विद्यार्थी के दो अलग-अलग शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश होने और छात्रवृत्ति में गडबड़ी होने की शिकायतें मिला करती थीं। अब छात्रवृत्ति वितरण को आधार से जोड़ा जा रहा है।
यह प्रक्रिया प्रभावशील हो जाने से छात्रवृत्ति की राशि छात्रों को समय पर मिलने लगी है। साथ ही मध्यस्थों की भूमिका भी समाप्त हो गई है। मिशन वन क्लिक में प्रत्येक छात्र की यूनिक आईडी होने से शिक्षण संस्थाओं में दोहरा प्रवेश और छात्रवृत्ति संबंधी दोहरीकरण की समस्या भी समाप्त हो गई है। पूर्व में एक ही विद्यार्थी के दो अलग-अलग शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश होने और छात्रवृत्ति में गडबड़ी होने की शिकायतें मिला करती थीं। अब छात्रवृत्ति वितरण को आधार से जोड़ा जा रहा है।
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