सतना। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का बहुत बड़ा महत्व होता है, अधिकांशत: तीन माह के भीतर इसका साफ-साफ असर देखा जा सकता है, विशेषत: राजनैतिक मामलों में ग्रहण के फलस्वरूप असमय विनाशकारी वर्षा, भूकम्प, जंगलों में आग, प्राकृतिक आपदाओं का भी अनुमान लगाया जा सकता है। इस वर्ष सन 2018 में पांच ग्रहण देखे जाएगें जहां कैलेण्डर वर्ष का पहला चन्द्रग्रहण 31 जनवरी 2018 को अर्थात बुधवार को पड़ रहा है। इस ग्रहण का असर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन में देखने को मिलेगा जबकि नार्थ एंजिल्स में भूकम्प के झटके महसूस किये जा सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुधवार के चन्द्रग्रहण का सूतक तीन प्रहर पूर्व प्रात: 8 बजकर 18 मिनिट से प्रारम्भ हो रहा है, हालांकि बाल, वृद्ध और रोगियों को एक प्रहर पूर्व दोपहर 2 बजकर 18 मिनिट से सूतक मानना चाहिये।
प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित नारायण शंकर नाथूराम व्यास का कहना है कि इस तरह का चन्द्रग्रहण वासनात्मक अपराधों को बढ़ावा देता है, अभिभावकों और स्कूल संचालकों को और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया जाना चाहिये। दिल्ली और पंजाब दोनों सरकारों में तनाव और टेन्शन देखा जायेगा, उदासीनता के फलस्वरूप बड़ी मात्रा में किया गया अनाज संग्रह में नुकसान हो सकता है। भारतीय राजनीति में जातीय राजनीति का भद्दा चेहरा दिखायी देगा, हालांकि बुद्धिजीवी और विचारकों पर इस तरह की राजनीति का असर नहीं होगा, चिकित्सा व्यवसाय में किसी बड़े स्कैण्डल के सामने आने की सम्भावना है, किसी बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनी को कदाचार के लिये पकड़ा जायेगा, आतंकवादी तत्व फिर से लंदन में हमला कर सकते हैं।
चंद्रग्रहण का नक्षत्रों और राशिफल पर प्रभाव:
पुष्य, अश्लेषा नक्षत्र और कर्क राशि को विशेष अशुभ।
शुभ फल - वृष, कन्या, तुला, और कुम्भ।
मिश्रित फल - मिथुन, वृश्चिक, मकर और मीन।
अशुभ फल - मेष, कर्क, सिंह, और धनु।
पंडित व्यास का कहना है कि 15 फरवरी 2018 को अगला ग्रहण खग्रास सूर्य ग्रहण के रूप में वलयाकार होगा, यह ग्रहण अर्जेन्टीना में राजनैतिक अशांति और चिली में बड़े भूकम्प की ओर इशारा करता है, इस दौरान समलैंगिकों का आन्दोलन रफ्तार पकड़ सकता है और इस ग्रहण के प्रभाव के कारण कम से कम एक बड़े उद्योगपति को न्यायपालिका सजा सुनाएगी। 13 जुलाई 2018 को आंशिक सूर्य ग्रहण न्यूजीलैण्ड में कुछ प्राकृतिक आपदाओं की ओर इशारा करता है और अन्टार्टिका में कोई बहुत बड़े ग्लेशियर के पिघलने की सम्भावना है।
इसी तरह 27 जुलाई 2018 को चौथा चन्द्रग्रहण होगा जो कि एशिया के अधिकतर देशों यूरोप, अफ्रीका और यू.एस.ए. में राजनैतिक उथल पुथल कराने वाला साबित होगा, इण्डोनेशिया में बड़ा भूचाल आयेगा, जापान को भी भूचाल का सामना करना पड़ेगा, जापान के प्रधानमंत्री राजनीतिक उलझनों से परेशान रहेंगे, चीन को प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ कम्युनिस्ट पार्टी के कारण अत्यधिक तनाव का सामना करना पडेगा, लंदन में आतंकवादी वारदात अथवा किसी बड़ी रेल या यान दुर्घटना होने की सम्भावना है, पश्चिम एशिया में टर्की अपनी सीमाओं में कुर्द लड़ाकों के खिलाफ अभियान छेडेगा, ग्रीस में भयानक भूकम्प आ सकता है, फ्रांस में किसी बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम दिया जा सकता है, साउथ अमेरिका में विशेषकर ब्राजील या अर्जेन्टीना अथवा दोनों में एक बड़े भूकम्प की सम्भावना है।
पंडित व्यास के मुताबिक, 27 जुलाई को पड़ने वाले ग्रहण का पिछले वर्षों के ग्रहणों की तुलना में बड़ा असर समूचे विश्व पर दिखायी देगा, भारतीय सीमा पर हमारे सैनिकों के मारे जाने के बहुत से मामले प्रकाश में आयेंगें, कावेरी जल विवाद के कारण दो राज्यों में अनावश्यक राजनैतिक तनाव बढ़ेगा, कोई बड़ा पुलिस अथवा प्राइवेट पुलिस अधिकारी वासनात्मक हरासमेन्ट में फंस सकता है, पाकिस्तान और चीन नये सिरे से कश्मीर में फण्ड पैसा, आधुनिक हथियार अपने आतंकवादी एजेंटों को मुहैया करायेंगे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बड़ी मुसीबतों में फंसते दिख रहे हैं, उपरोक्त ग्रहण हर जगह दुख, हिंसा, युद्ध की चिंताओं, बड़ी आगजनित घटनाओं और बड़े आतंकवादी घाटनाओं की तरफ इशारा करता है। सन् 2018 का अंतिम आंशिक सूर्य ग्रहण उत्तर पश्चिम एशिया और यूरोप के अधिकतर हिस्सों में तनाव की ओर इशारा करता है।
Comments
Post a Comment