रीवा। रीवा मंगलवार को स्टार समाचार रीवा के स्पेशल गेस्ट रहे नगर निगम आयुक्त सौरभ कुमार सुमन ने रीवा के वृहद विकास संबंधित योजनाओं और उनके क्रियान्वयन पर खुलकर चर्चा की। अपने पूर्ववर्ती आईएएस अधिकारियों से काफी युवा सुमन का कहना था कि किसी भी जिले या शहर का विकास मापने का मापदण्ड उनके नजरिये से वहां की सड़क और व्यवस्थित ट्रैफिक से है। इसी को आधार बनाकर वो संभागीय मुख्यालय रीवा को उन्नत करने का प्रयास कर रहे हैं। शहर के विकास के लिए नगर निगम से अधिक स्थानीय निवासियों को जागरुक रहना जरूरी है।
आईएएस अधिकारी के तौर पर अपने कैरियर को चुनने वाले सौरभ कुमार सुमन बिहार के बेगुसराय जिले में साधारण व शिक्षित परिवार में जन्मे हैं और उनके पिता प्रमोद नारायण राय हायर सेकेण्ड्री स्कूल में बतौर हेडमास्टर पदस्थ रहे हैं। वहीं माता आशा सिन्हा शिक्षा विभाग में कार्य़रत रही हैं। निगम आयुक्त को क्रिकेट, बैडमिंटन खेलने के शौक के अलावा मूवीज और बुक रीडिंग में भी रुचि है। सिविल सर्विसेस की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए कमिश्नर सुमन का कहना है कि परीक्षा पास करना इतना भी कठिन नहीं है। स्वयं के बारे में बताऊं तो यदि मेरा इस सेवा में चयन नहीं होता तो मैं कहीं पढ़ा रहा होता। आईएएस सौरभ सुमन से बातचीत के कुछ अंश -
सवाल: अतिक्रमण विरोधी मुहिम रुक-रुककर क्यों चल रही है?
जवाब: यह कार्रवाई कोई अतिक्रमण विरोधी मुहिम नहीं है बल्कि शहर के प्रभावित इलाकों से असामाजिक तत्वों को अलग करना है। साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाना है। रीवा में जबरदस्ती अतिक्रमण हटाने के लिए जेसीबी की जरूरत नहीं है। यातायात व्यवस्था के लिए शिल्पी प्लाजा में पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है।
जवाब: यह कार्रवाई कोई अतिक्रमण विरोधी मुहिम नहीं है बल्कि शहर के प्रभावित इलाकों से असामाजिक तत्वों को अलग करना है। साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाना है। रीवा में जबरदस्ती अतिक्रमण हटाने के लिए जेसीबी की जरूरत नहीं है। यातायात व्यवस्था के लिए शिल्पी प्लाजा में पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है।
सवाल: पेयजल की व्यवस्था करने में 100 करोड़ से भी अधिक खर्च हुए फिर भी कई इलाकों में पानी की समस्या क्यों है?
जवाब: जैसे-जैसे क्षेत्र बड़ा होता है, योजनाएं भी दोबारा लानी पड़ती हैं। जल समस्या पर विभाग काम पर लगा हुआ है। उम्मीद है कि शहर में पानी की व्यवस्था लगभग 31 मार्च तक पूरी कर दी जाएगी।
जवाब: जैसे-जैसे क्षेत्र बड़ा होता है, योजनाएं भी दोबारा लानी पड़ती हैं। जल समस्या पर विभाग काम पर लगा हुआ है। उम्मीद है कि शहर में पानी की व्यवस्था लगभग 31 मार्च तक पूरी कर दी जाएगी।
सवाल: क्या रीवा में आपको काम के लिए किसी राजनैतिक हस्तक्षेप का सामना करना पड़ा है?
जवाब: बिल्कुल नहीं।
सवाल: रीवा के विकास के लिए मास्टर प्लान क्या है?
जवाब: अधिकारी के हिसाब से प्राथमिकताएं बदलती हैं। मैंने सड़क, नाली निर्माण को प्राथमिकता दी है। बारिश के दिनों में शहर में जो बाढ़ जैसी संभावनाएं उत्पन्न होती हैं, उसके समाधान के लिए 20 करोड़ की लागत से वाटर ड्रैनेज योजना का बिल पास कराया है। स्ट्रीट लाइट को एलईडी में बदला जा रहा है। दो ओपेन जिम खुलवाए जाने हैं। साथ ही चिरहुला में एक विशाल पार्क भी बनाया जाना है। फिलहाल शहर को कचरामुक्त करना है, जिस पर विभाग काम कर रहा है।
जवाब: बिल्कुल नहीं।
सवाल: रीवा के विकास के लिए मास्टर प्लान क्या है?
जवाब: अधिकारी के हिसाब से प्राथमिकताएं बदलती हैं। मैंने सड़क, नाली निर्माण को प्राथमिकता दी है। बारिश के दिनों में शहर में जो बाढ़ जैसी संभावनाएं उत्पन्न होती हैं, उसके समाधान के लिए 20 करोड़ की लागत से वाटर ड्रैनेज योजना का बिल पास कराया है। स्ट्रीट लाइट को एलईडी में बदला जा रहा है। दो ओपेन जिम खुलवाए जाने हैं। साथ ही चिरहुला में एक विशाल पार्क भी बनाया जाना है। फिलहाल शहर को कचरामुक्त करना है, जिस पर विभाग काम कर रहा है।
सवाल: शहर में नाइट मार्केट बनाने का प्लान है, यह कैसे सफल होगा?
जवाब: महानगरों के जैसे रीवा में भी एक नाइट मार्केट होने से शहर का काफी विस्तार होगा। मगर इससे पहले महिलाओं को शहर में सुरक्षित महसूस हो, इसकी व्यवस्था में लगे हैं। नाइट मार्केट लाने में जल्द ही सफलता प्राप्त करेंगे, जिसके लिए स्थान भी चिन्हित कर दिया गया है। इस योजना में जिला प्रशासन की पहल होना जरूरी है।
जवाब: महानगरों के जैसे रीवा में भी एक नाइट मार्केट होने से शहर का काफी विस्तार होगा। मगर इससे पहले महिलाओं को शहर में सुरक्षित महसूस हो, इसकी व्यवस्था में लगे हैं। नाइट मार्केट लाने में जल्द ही सफलता प्राप्त करेंगे, जिसके लिए स्थान भी चिन्हित कर दिया गया है। इस योजना में जिला प्रशासन की पहल होना जरूरी है।
सवाल: क्या स्वच्छता बरकरार रखने के लिए गंदगी करने वालों का चालान लागू करना उचित है?
जवाब: स्वच्छता जबरदस्ती नहीं आती, धीरे-धीरे शहर के आमजनों को जागरूक होना होता हैं। एक दिन रीवा, इंदौर को पछाड़कर सिरमौर स्थान हासिल कर लेगा।
जवाब: स्वच्छता जबरदस्ती नहीं आती, धीरे-धीरे शहर के आमजनों को जागरूक होना होता हैं। एक दिन रीवा, इंदौर को पछाड़कर सिरमौर स्थान हासिल कर लेगा।
Comments
Post a Comment