रीवा। राजस्व विभाग में रिश्वत का सिलसिला थम नहीं रहा है। लोकायुक्त पुलिस द्वारा राजस्व विभाग पर आए दिन होने वाली कार्रवाईयों के बावजूद भी भ्रष्टाचारियों के हौंसले इस कदर बुलंद हैं कि हर कार्रवाई में रिश्वत की राशि बढ़ी हुई मिलती है। पटवारी द्वारा रिश्वत लेने का ताजा मामला रीवा जिले के हुजूर तहसील का है जहां पर पदस्थ पटवारी प्रमोद तिवारी द्वारा एक जमीन का नामांतरण करने के एवज में 5 लाख की रिश्वत मांगी थी। बाद में 65 हजार पर मामला तय हुआ। जिसकी पहली किश्त 35 हजार रूपये लेते हुए लोकायुक्त पुलिस द्वारा पटवारी को गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है मामला
मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता निशांत पांडे पुत्र मोतीलाल पांडे ग्राम बरा कोठार की तहसील हुजूर के राजस्व हल्का इटहा नंबर 17 में जमीन है। बताया जाता है कि शिकायकर्ता निशांत पाण्डेय एयर फोर्स का जवान है। हल्के की जिम्मेदारी पटवारी प्रमोद तिवारी के पास है। अपनी जमीन के नामान्तरण को लेकर शिकायतकर्ता काफी दिनों से पटवारी के चक्कर काट रहा था। लेकिन रिश्वत लेने के चक्कर पटवारी द्वारा उसको काफी दिनों से लटकाये रखा गया। अन्तत: परेशान होकर शिकायतकर्ता ने जब रिश्वत देने की हामी भरी तब पटवारी ने भारी भरकम राशि की मांग रख दी।
मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता निशांत पांडे पुत्र मोतीलाल पांडे ग्राम बरा कोठार की तहसील हुजूर के राजस्व हल्का इटहा नंबर 17 में जमीन है। बताया जाता है कि शिकायकर्ता निशांत पाण्डेय एयर फोर्स का जवान है। हल्के की जिम्मेदारी पटवारी प्रमोद तिवारी के पास है। अपनी जमीन के नामान्तरण को लेकर शिकायतकर्ता काफी दिनों से पटवारी के चक्कर काट रहा था। लेकिन रिश्वत लेने के चक्कर पटवारी द्वारा उसको काफी दिनों से लटकाये रखा गया। अन्तत: परेशान होकर शिकायतकर्ता ने जब रिश्वत देने की हामी भरी तब पटवारी ने भारी भरकम राशि की मांग रख दी।
पटवारी द्वारा 5 लाख रूपये की डिमाण्ड सुनते ही शिकायतकर्ता के पैरों तले से जमीन खिसक गई। काफी मान मनौव्वल के बाद आखिरकार पटवारी 65 हजार रूपये की रिश्वत में नामान्तरण करने के लिए तैयार हो गया। जिसकी पहली किश्त 35 हजार रूपये देना तय हुआ। रकम तय होने के बावजूद भी पटवारी द्वारा बीच-बीच पैसे बढ़ाने के लिए परेशान किया जा रहा था। जिससे आजिज आकर शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त पुलिस के पास जाना उचित समझा।
लोकायुक्त पुलिस ने बिछाया जाल
लोकायुक्त पुलिस के पास पहुंचने के बाद शिकायतकर्ता ने शुरूआत से अभी तक की सारी जानकारी पुलिस को बताई। जिसको सुनने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने आवेदन लेते हुए अपने स्तर से रिश्वत की शिकायत को वेरीफाई किया। रिश्वत मांगने की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने शिकायतकर्ता के साथ मिलकर पटवारी को रिश्वत देने के लिए सोमवार दोपहर का समय निश्चित किया। पटवारी ने रिश्वत की पहली किश्त लेने के लिए शिकायतकर्ता को अपने घर बुलाया। पहले से निर्धारित रणनीति के तहत लोकायुक्त पुलिस आरोपी के घर के पास इंतजार करते बैठी रही। रिश्वत के पैसे देने के बाद आरोपी ने लोकायुक्त पुलिस को इशारा किया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी के पास से रिश्वत के पैसे बरामद कर लिए और केमिकल मिले पानी से जब आरोपी का हाथ धुलाया गया तो पानी का कलर नोट में लगे पावडर के कारण बदल गया।
लोकायुक्त पुलिस के पास पहुंचने के बाद शिकायतकर्ता ने शुरूआत से अभी तक की सारी जानकारी पुलिस को बताई। जिसको सुनने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने आवेदन लेते हुए अपने स्तर से रिश्वत की शिकायत को वेरीफाई किया। रिश्वत मांगने की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने शिकायतकर्ता के साथ मिलकर पटवारी को रिश्वत देने के लिए सोमवार दोपहर का समय निश्चित किया। पटवारी ने रिश्वत की पहली किश्त लेने के लिए शिकायतकर्ता को अपने घर बुलाया। पहले से निर्धारित रणनीति के तहत लोकायुक्त पुलिस आरोपी के घर के पास इंतजार करते बैठी रही। रिश्वत के पैसे देने के बाद आरोपी ने लोकायुक्त पुलिस को इशारा किया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी के पास से रिश्वत के पैसे बरामद कर लिए और केमिकल मिले पानी से जब आरोपी का हाथ धुलाया गया तो पानी का कलर नोट में लगे पावडर के कारण बदल गया।
प्लॉट की भी कर रहा था डिमांड
नामांतरण की जाने वाली जमीन की कीमत लाखों में होने के कारण पटवारी का लालच भी बढ़ता जा रहा था। अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटवारी द्वारा शुरूआत में 5 लाख रूपये कैश की बात कही थी। लेकिन नगद में इतनी बड़ी राशि देने में शिकायतकर्ता द्वारा असमर्थता जताने के बाद पटवारी ने नामान्तरित की जाने वाली जमीन में ही हिस्सा मांगा। जिसकी कीमत भी लाखों में थी। शिकायतकर्ता ने जब प्लाट देने से भी मना कर दिया। अन्तत: मामला 65 हजार रूपये में फाइनल हुआ। जिसकी पहली किश्त के रूप में 35 हजार देना तय हुआ। सोमवार को पहली किश्त देते समय ही आरोपी पटवारी प्रमोद तिवारी को लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
नामांतरण की जाने वाली जमीन की कीमत लाखों में होने के कारण पटवारी का लालच भी बढ़ता जा रहा था। अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटवारी द्वारा शुरूआत में 5 लाख रूपये कैश की बात कही थी। लेकिन नगद में इतनी बड़ी राशि देने में शिकायतकर्ता द्वारा असमर्थता जताने के बाद पटवारी ने नामान्तरित की जाने वाली जमीन में ही हिस्सा मांगा। जिसकी कीमत भी लाखों में थी। शिकायतकर्ता ने जब प्लाट देने से भी मना कर दिया। अन्तत: मामला 65 हजार रूपये में फाइनल हुआ। जिसकी पहली किश्त के रूप में 35 हजार देना तय हुआ। सोमवार को पहली किश्त देते समय ही आरोपी पटवारी प्रमोद तिवारी को लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
शिकायतकर्ता द्वारा पटवारी के खिलाफ रिश्वत मांगने का आवेदन दिया गया था। जिस पर जांच करते हुए मामला दर्ज कर लिया गया। सोमवार को हुई कार्रवाई में आरोपी पटवारी को 35 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगें हाथों पकड़ा गया है। जिस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13 (1) (बी), सहपठित 13, (2) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
संजीव सिन्हा, एसपी लोेकायुक्त
संजीव सिन्हा, एसपी लोेकायुक्त
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