रीवा। नि: शुल्क गणवेश वितरण योजना के तहत सभी शासकीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं को स्कूल की ड्रेस स्व सहायता समूह द्वारा सिलकर दी जाएगी। विभाग ने स्व सहायता समूह (एसएसजी) की आय बढ़ाने और काम देने के लिए इस योजना पर शुरूआत कर दी है। विभाग द्वारा योजना के लिए काबिल स्व सहायता समूहों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जिले के कलेक्टर को इस योजना के तहत सक्षम एसएसजी को तलाशने का जिम्मा सौंपा गया है।कलेक्टर द्वारा एसएसजी की क्षमता का निर्धारण और चयन अपने स्तर पर किया जाएगा। विभाग द्वारा सक्षम समूहों की जानकारी मंगाई गई है। प्राप्त हुए आवेदनों की समीक्षा करने के बाद ही स्कूल ड्रेस की सिलाई का काम संबंधित जिले की समूहों को दिया जाएगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा स्व सहायता समूहों की आय वृद्धि के लिए इस योजना की घोषणा की गई थी। जिसके परिपालन में विभाग ने शुरूआती दौर में समूहों के आवेदन मंगा लिए हैं। आगामी शिक्षण सत्र में इन समूहों को स्कूल ड्रेस का काम सौंपा जा सकता है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से मिलेगा काम
नि: शुल्क गणवेश वितरण योजना में समूहों को सौंपे जाने के काम को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जोड़ा जाएगा। सिलाई के लिए प्राप्त समूहों के आवेदनों को मिशन द्वारा चिन्हित किया जाएगा। जिसके बाद अंतिम स्तर पर समूहों की क्षमता को निर्धारित कर काम सौंपा जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने जिले भर से समूहों के आवेदन मंगा लिए है। जिसकी छटाई शासन स्तर पर की जाएगी।
नि: शुल्क गणवेश वितरण योजना में समूहों को सौंपे जाने के काम को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जोड़ा जाएगा। सिलाई के लिए प्राप्त समूहों के आवेदनों को मिशन द्वारा चिन्हित किया जाएगा। जिसके बाद अंतिम स्तर पर समूहों की क्षमता को निर्धारित कर काम सौंपा जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने जिले भर से समूहों के आवेदन मंगा लिए है। जिसकी छटाई शासन स्तर पर की जाएगी।
भेजे गये आवेदनों में समूहों की बेसिक जानकारी के साथ कर्मचारियों की संख्या और सौंपे गये काम को निभाने का आंकलन किया जा रहा है। यूनिफार्म सिलाई को लेकर विभाग द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश गुणवत्ता के तहत तैयार कर लिये है। जिनका पालन करना समूहों को अनिवार्य होगा। इसके साथ ही समूहों की समय पर यूनिफार्म की सिलाई कर सौंपने की क्षमता को भी परखा जाएगा। विस्तृत दिशा निर्देशों का पालन न करने वाले समूहों से यूनिफार्म की सिलाई का काम वापस भी लिया जा सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि अप्रैल माह के अंत में सक्षम स्व सहायता समूहों को काम सौंपा जा सकता है।
क्वालिटी से समझौता नहीं
शासन द्वारा शुरू की गई नि: शुल्क गणवेश वितरण योजना में लगातार आ रही शिकायतों के बाद यूनिफार्म की सिलाई को आउटसोर्स करने के बजाय स्व सहायता समूहों से ही सिलवाने का निर्णय लिया गया है। खास बात यह है कि इन समूहों से यूनिफार्म सिलवाने के पीछे का उद्देश्य न सिर्फ उनकी कमाई को बढ़ाना है बल्कि यूनिफार्म की गुणवत्ता के स्तर पर भी सुधार करना है।
शासन द्वारा शुरू की गई नि: शुल्क गणवेश वितरण योजना में लगातार आ रही शिकायतों के बाद यूनिफार्म की सिलाई को आउटसोर्स करने के बजाय स्व सहायता समूहों से ही सिलवाने का निर्णय लिया गया है। खास बात यह है कि इन समूहों से यूनिफार्म सिलवाने के पीछे का उद्देश्य न सिर्फ उनकी कमाई को बढ़ाना है बल्कि यूनिफार्म की गुणवत्ता के स्तर पर भी सुधार करना है।
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