रीवा। अपनी तीन सूत्रीय मांगों के पूरे न होने पर जिला सहकारी बैंक कर्मचारी आंदोलन की राह पर चलने का निर्णय लिया है। जिला सहकारी बैंक कर्मचारी फेडरेशन के तत्वावधान में 11 फरवरी को सहकारी बैंक कर्मचारी संघों के प्रतिनिधि एकत्र होकर सातवें वेतन आयोग एवं अन्य मुद्दों पर सहकारिता आयुक्त द्वारा श्रम विरोधी नीति के चलते वादा खिलाफी एवं भेदभाव पूर्ण नीति के विरोध में विचार विमर्श कर प्रदेश व्यापी आंदोलन करने का निश्चय किया था।
फेडरेशन द्वारा कई बार मांगों को लेकर आंदोलन किए गये। परन्तु शासन द्वारा उसका पालन नहीं करने से फेडरेशन द्वारा उक्त तथ्य को आयुक्त के समक्ष भी रखा गया। बावजूद इसके अभी तक वेतनभत्ता एवं अन्य मुद्दों के संंबंध में कोई पॉलिसी नहीं भेजी गई। जिस कारण से शासन द्वारा निर्णय का पालन नहीं करने से कर्मचारियों ने पुन: स्थगित आंदोलन करने का निर्णय लिया। सोमवार को भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना-प्रदर्शन स्थल में बैठे रहे।
सातवां वेतनमान, अवकाश नगदीकरण, अवकाश यात्रा एवं सभी पदों पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों, कम्प्यूटर आपरेटर एवं ऋण परामर्श पर सहकारी बैंकों के वेतनमान का लाभ जैसी मांगों को लेकर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कर्मचारी संघ रीवा कई दिनों से धरने पर बैठा हुआ है।
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