रीवा | रिंग रोड फेज टू को लेकर फिर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। एमपीआरडीसी ने गांवों में सर्वे शुरू कर खेतों में पीले पत्थर लगा दिए हैं। कई गांवों में रिंग रोड को लेकर पत्थर लगा दिए गए हैं। हालांकि सारा काम गुपचुप तरीके से हो रहा है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो चुनाव के पहले काम भी शुरू हो जाएगा। ज्ञात हो कि रीवा रिंग रोड का एक फेज पहले ही तैयार हो चुका है। सेकंड फेज की तैयारी एक साल पहले ही शुरू कर दी गई थी। सर्वे पूरा करने के बाद किसानों के भूमि अधिग्रहण की तैयारी थी। इसके पहले ही इस पूरी प्रक्रिया पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रस्ताव ने ग्रहण लगा दिया। भू तल परिवहन मंत्रालय ने एयरपोर्ट के करीब से गुजरने वाली रिंग रोड पर ही आपत्ति लगा दी थी। यही वजह है कि रिंग रोड़ को करीब 800 मीटर आगे से निकालने का निर्णय लिया गया। अब तक रिंग रोड फेज टू को लेकर एमपीआरडीसी गुपचुप था, लेकिन गांवों में लगे पत्थरों ने सुगबुगाहट में तेजी ला दी है। कई गांवों में पीले रंग के पत्थर लगा दिए गए हैं। पत्थरों के खेतों में लगते ही किसानों में भी बेचैनी बढ़ गई है।
इन गांवों में लगे पत्थर
रिंग रोड फेज टू के लिए कई गांवों में पत्थर लगा दिए गए हैं। सिलपरा, गंगापुर, बांसा, पड़ोखर, बांसी, खैरा, रघुनाथपुर, रमपुरवा आदि गांवों में सर्वे के पत्थर लगे हुए हैं। इन गांवों से होकर रिंग रोंड के निकलने की भी संभावना है।
किसानों के खेतों की मच गई थी लूट
एमपीआरडीसी रिंग रोड टू को लेकर गोपनीयता बनाए रखना चाह रहा है। यही वजह है कि गुपचुप तरीके से सर्वे की कार्रवाई की जा रही है। इसके पहले जिन गांवों से सड़क निकालने के लिए सर्वे किया गया था। उन गांवों में भू माफियाओं ने जमीनें खरीद ली थीं। मुआवजा के फेर में कईयों ने किसानों से औने पौने दामों में जमीन लेकर शासन से मोटी राशि लेने के फिराक में थे। यही वजह है कि इस मर्तबा इस लूटखसोट से बचने और कम मुआवजा राशि देने की कोशिश में प्रशासन जुटा हुआ है।
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