रीवा। रीवा संभाग को हरा-भरा बनाने व प्रदूषण में नियंत्रण पाने के लिए इस वर्ष वन अनुसंधान एवं विस्तार विभाग ने एक करोड़ दुर्लभ प्रजाति व संकटापन्न प्रजाति के पौधे तैयार करने का अभियान शुरू कर दिया है। हालांकि अभी तक संभाग की नर्सरियों के पास इतनी संख्या में रोपे जाने के लिए उपलब्ध नहीं है। मगर वन विभाग मुनगा, बरगद, पीपल, पाकर, गूलर, बीजा, शीशम, तिन्सा के पौधे बड़ी मात्रा में तैयार करने का दावा कर रहा है।
गौरतलब है कि प्रति वर्ष वन अनुसंधान एवं विस्तार विभाग पूरे संभाग की हरियाली बढ़ाने व प्रदूषण को कम करने के लिए करोड़ों की संख्या में पौधारोपण करता है। यह बात और है कि वन विभाग द्वारा पौधे रोपे जाने के बाद वह सूख कर मुरझा जाते हैं तो कहीं मवेशियों का चारा बन जाते हैं। इस वर्ष भी वन विभाग पूरे संभाग में विभिन्न प्रजातियों के एक करोड़ दुर्लभ व संकटापन पौधे रोपने का उद्देश्य बनाकर चल रहा है।
बता दें कि संभाग की कुल 15 नर्सरियों में लाखों की संख्या में बीजा, शीशम, तिन्सा जैसे संकटापन्न पौधे तैयार किये जा रहे हैं। वहीं फायकस प्रजाति पेड़ जैसे बरगद, पीपल, पाकर, गूलर जैसे पौधे नर्सरी में बोये गये हैं। वन विभाग का दावा है कि नर्सरियों में दुर्लभ पौधे जैसे गरूड़, दहिमन भी तैयार किये जा रहे हैं। जबकि इन नर्सरियों की हालत व व्यवस्था देखकर इस बात का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि दहिमन और गरूड़ जैसे दुर्लभ प्रजाति के पौधे तैयार करने के लिए नर्सरियों के पास उचित व्यवस्था नहीं है।
इन जगहों पर तैयार हो रहे पौधे
रीवा संभाग के विभिन्न शहरों की नर्सरियों में कई तरह के दुर्लभ व विलुप्त प्रजाति के पौधे तैयार किये जा रहे हैं। रीवा में बरैहा, हर्दीशंकर, सतना में मुकुन्दपुर, रामटेकरी, परसवाही, सीधी में टिकरी, जोगदहा, बरखेड़ा, सिंगरौली में ओवरी, टिकरी, शहडोल में धनपुरी, विचारपुर, मझिगवां, सीतापुर, समधिन में स्थित नर्सरियों में लाखों की संख्या में पौधे लगाये जा रहे हैं। ताकि निर्धारित समय सीमा तक संभाग में रोपे जाने के लिए 1 करोड़ पौधे तैयार हो सकें।
रीवा संभाग के विभिन्न शहरों की नर्सरियों में कई तरह के दुर्लभ व विलुप्त प्रजाति के पौधे तैयार किये जा रहे हैं। रीवा में बरैहा, हर्दीशंकर, सतना में मुकुन्दपुर, रामटेकरी, परसवाही, सीधी में टिकरी, जोगदहा, बरखेड़ा, सिंगरौली में ओवरी, टिकरी, शहडोल में धनपुरी, विचारपुर, मझिगवां, सीतापुर, समधिन में स्थित नर्सरियों में लाखों की संख्या में पौधे लगाये जा रहे हैं। ताकि निर्धारित समय सीमा तक संभाग में रोपे जाने के लिए 1 करोड़ पौधे तैयार हो सकें।
बीजा, शीशम, तिन्सा के लगेंगे 1 लाख 77 हजार पौधे
वन अनुसंधान एवं विस्तार विभाग के अनुसार वर्ष 2018 में रोपित किए जाने वाले तीन संकटापन्न पौधे लगाये जायेंगे। जिनमें बीजा, शीशम, तिन्सा के कुल 1 लाख 77 हजार 336 पौधे लगाये जाने का टारगेट है। परन्तु नर्सरियों में अभी तक सिर्फ 16 हजार 832 पौधे ही है। ऐसे में 16 लाख 513 पौधे तैयार करने का लक्ष्य है।
वन अनुसंधान एवं विस्तार विभाग के अनुसार वर्ष 2018 में रोपित किए जाने वाले तीन संकटापन्न पौधे लगाये जायेंगे। जिनमें बीजा, शीशम, तिन्सा के कुल 1 लाख 77 हजार 336 पौधे लगाये जाने का टारगेट है। परन्तु नर्सरियों में अभी तक सिर्फ 16 हजार 832 पौधे ही है। ऐसे में 16 लाख 513 पौधे तैयार करने का लक्ष्य है।
वृक्षारोपण के लिए नर्सरी में पौधे तैयार करने का अभियान शुरू कर दिया गया है। जहां विभिन्न प्रजातियों के 1 करोड़ पौधे तैयार किए जायेंगे। जो डिमाण्ड के हिसाब से उपलब्ध कराये जायेंगे।
एम. काली दुरई, सीसीएफ रीवा
एम. काली दुरई, सीसीएफ रीवा
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