रीवा। शहर के अंदर सरकारी जमीन पर नियमविरूद्ध कब्जा जमाने वाले 22 रसूकदारों पर कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। ये ऐसे रसूकदार हैं जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए शहर की बेशकीमती जमीनों में सालों से अपना कब्जा जमाकर बैठे हुए थें, इनके विरूद्ध कलेक्टर ने अपना रूख साफ करते हुए एक सप्ताह के भीतर बेदखली के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश को जारी करने के बाद कलेक्टर ने तहसीलदार हुजूर को संबंधित भूमि से कब्जा हटाने एवं उनमें म0प्र0 शासन दर्ज करने के साथ अभिलेखों में सुधार करने के निर्देश भी दिए हैं।
बता दें कलेक्टर ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि मप्र भू-राजस्व संहिता की धारा 235 के तहत अन्य परिवर्तन के लिए नवैयत परिवर्तन नही किया गया। इन जमीनों के संबंध में सक्षम विभागों से विधिवत प्रस्ताव नही मंगाए गएं। यदि जांच की गई तो उसे प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत नहीं किया गया। इस तरह से अनावेदकगण यह भी नहीं बता पाएं कि पूर्व में उनका कब्जा इन जमीनों पर था। सबसे महत्वपूर्ण यह कि नामान्तरण स्वीकृत किए जाने के पूर्व सक्षम न्यायालयों से अनुमति नहीं ली गई।
कलेक्टर ने स्वयं की निगरानी में कराई जांच
ढेकहा में सरकारी जमीनों के रिकार्ड की हेराफेरी के मामले को कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल ने स्वयं की निगरानी में तहसीलदार से जांच कराई तो बड़े-बड़े रसूकदारों की काली करतूत सामने आ गई।
कलेक्टर ने स्वयं की निगरानी में कराई जांच
ढेकहा में सरकारी जमीनों के रिकार्ड की हेराफेरी के मामले को कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल ने स्वयं की निगरानी में तहसीलदार से जांच कराई तो बड़े-बड़े रसूकदारों की काली करतूत सामने आ गई।
खनिज कार्यालय भी शामिल
जारी आदेश में खनिज कार्यालय को भी शामिल किया गया है। तत्कालीन कलेक्टर एसएन रूपला ने खनिज विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय को ढेकहा में 33 हजार वर्गफिट भूमि उपलब्ध कराई थी।
राजपूत गन सर्विस का भी अतिक्रमण
कलेक्टर न्यायालय की ओर से प्रकरण क्र 8/अ-74 में शासकीय भूमि खसरा-162, 190 व 200 कुल रकवा 1.60 एकड़ भूमि को मेसर्स राजपूत गन सर्विस सहित 11 भू-स्वामियों ने दस्तावेज में हेराफेरी कर अपने नाम दर्ज करा लिया। 27 मार्च 2018 को कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई के दौरान कलेक्टर प्रीति मैथिल ने उपरोक्त नंबरों की भूमि को शासकीय रिकार्ड में दर्ज करने का आदेश देते हुए अतिक्रमणकारियों को तत्काल बेदखल करने का आदेश दिया है।
राजपूत गन सर्विस का भी अतिक्रमण
कलेक्टर न्यायालय की ओर से प्रकरण क्र 8/अ-74 में शासकीय भूमि खसरा-162, 190 व 200 कुल रकवा 1.60 एकड़ भूमि को मेसर्स राजपूत गन सर्विस सहित 11 भू-स्वामियों ने दस्तावेज में हेराफेरी कर अपने नाम दर्ज करा लिया। 27 मार्च 2018 को कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई के दौरान कलेक्टर प्रीति मैथिल ने उपरोक्त नंबरों की भूमि को शासकीय रिकार्ड में दर्ज करने का आदेश देते हुए अतिक्रमणकारियों को तत्काल बेदखल करने का आदेश दिया है।
इन रसूकदारों के विरूद्ध बेदखली के आदेश
जिन लोगों के विरूद्ध कलेक्टर ने बेदखली के आदेश जारी किए हैं उनके नाम इस प्रकार हैं :
- पूर्णिमा मेरहोत्रा पत्नी राजकृष्ण मेरहोत्रा
- प्रभा पत्नी जयकृष्ण मेरहोत्रा
- संध्या पत्नी संजीव मेरहोत्रा
- श्रीकृष्ण पुत्र रामकृष्ण मेरहोत्रा
- आशीष पुत्र जयकृष्ण मेरहोत्रा
- नानकराम सिंधी
- घनश्याम सिंधी पुत्र गोपालदास सिंधी
- ईश्वरी खत्री पुत्री गोपालदास सिंधी
- सरदार दलजीत सिंह पुत्र केशर सिंह
- जवाहरलाल
- देवरती पुत्री जागेश्वर प्रसाद
- श्यामकली पत्नी देवतादीन
- विजय कुमार पत्नी देवतादीन
- रवीन्द्रनाथ पिता शिवमणि पाठक
- सतना निवासी हीरामणि पिता चुनकामन केवट
- विमलादेवी पत्नी राजमणि अग्निहोत्री
- ढेकहा निवासी मेसर्स राजपूत गन सर्विस
- रायबरेली, उप्र निवासी आदर्श महेन्द्रा पिता स्व0 रामकृष्ण खत्री समेत 22 लोगों के नाम शामिल हैं।
ढेकहा में जमीन नामांतरण के उपरांत बेंचने के भी कई मामले सामने आएं है, जिन पर भी कलेक्टर ने बेदखली के आदेश जारी किए हैं।
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