भोपाल। सेंट्रल प्रेस क्लब से रूबरू होते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़े निर्णय लिए हैं और मध्यप्रदेश के सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 60 साल से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी है। इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से भोपाल और इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू करने को लेकर भी सीएम शिवराज आश्वस्त दिखाए दिए और कहा कि प्रदेश में आईपीएस, आईएएस विवाद से ज्यादा जरूरी उनके लिए सुरक्षा सुनिश्चित करना है। प्रदेश में चुनावों से पहले नेतृत्व परिवर्तन के सवाल को सीएम शिवराज बड़ी सफाई से टाल दिया।
लगातार बढ़ते अपराधों पर लगाम कसने, महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी लाने के उद्देश्य से प्रदेश में कमिश्नर प्रणाली को लेकर भी विवाद की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री की इच्छा जताने के बाद आईएएस और आईपीएस लॉबी आमने-सामने आ गई। सीएम ने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों की तेजी से भर्ती की जा रही है। आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर अपराधों पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है। ज्यादा से ज्यादा संसाधन भी पुलिस महकमे को दिए जा रहे है।
प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मौजूदा विधायकों के टिकट काटने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में शिवराज सिंह ने स्पष्ट किया कि पार्टी परफॉर्मेंस के आधार पर ही टिकट देगी। परिवार में नई लीडरशीप के बारे में उन्होंने कहा कि बेटा कार्तिकेय सिम्बायोसिस कॉलेज पुणे में अध्यक्ष है, उसमें उनका कोई हाथ नहीं है। पत्नी साधना सिंह भी किरार समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। नरेंद्र सिंह तोमर और शिवराज सिंह चौहान की जोड़ी के चुनाव की कमान संभालने पर उन्होंने कहा कि जोड़ी है, जोड़ी सलामत रहे।
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