रीवा | डभौरा वन क्षेत्र
के जंगल दावानल से धू-धूकर जल रहे हैं। यूपी बार्डर के कंदैला पहाड़ी से
शुरू हुई आग धीरे-धीरे डभौरा की ओर बढ़ रही है। जंगल की आग न केवल वन औषधि
और पेड़ पौधों को जलाकर राख कर रही है वरन् अब तक सैकड़ों वन्य प्राणी जल मरे
हैं। यही नहीं जंगल से लगे खेत-खलिहान और गांव की ओर बढ़ती आग की लपटें
ग्रामीणों में दहशत फैला रही हैं।
आग की लपटें इतनी भीषण हैं कि उन्हें
नियंत्रण करने पहुंचा वन अमला वापस आ गया है। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें
तो जंगलों में 30 से 35 फिट ऊंची लपटें उठ रही हैं। वन विभाग के विश्वस्त
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दो दिन पहले यूपी के कंदैला पहाड़ी में
आग भड़की है। इन दो दिनों में आग नीचे के कोलसरा, पोखरा, रजराही, गोपाल
ताल, कल्ली, दुलासोत, बगैया एवं करका के जंगलों तक फैल गई है। स्थानीय
लोगों द्वारा फौरन वन विभाग को सूचना दी गई। साथ ही अपने स्तर पर ग्रामीणों
ने आग पर काबू पाने का प्रयास भी किया लेकिन सफलता नहीं मिली।
पेड़ और औषधीय पौधे जले
बताया गया है कि इन जंगलों में महुआ, खैर, तेंदू, घोटहर, सेंधा, नीम, आंवला, बांस, जिगना, बबूल, बेर आदि के अलावा गुड़मार जैसे कई औषधीय पौधे आग की चपेट में आ चुके हैं। अब तक हजारों पेड़ जल गए हैं। इसके अलावा यहां रहने वाले वन्य प्राणी हिरण, खरगोश, जंगली सुअर आदि भी मारे गए हैं। डभौरा ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और राजस्व निरीक्षक डभौरा और डिप्टी रेंजर आदि सूचना पर पहुंचे लेकिन उनके पास आग बुझाने का साधन नहीं रहा। लिहाजा वे विवश होकर लौट गए।
बताया गया है कि इन जंगलों में महुआ, खैर, तेंदू, घोटहर, सेंधा, नीम, आंवला, बांस, जिगना, बबूल, बेर आदि के अलावा गुड़मार जैसे कई औषधीय पौधे आग की चपेट में आ चुके हैं। अब तक हजारों पेड़ जल गए हैं। इसके अलावा यहां रहने वाले वन्य प्राणी हिरण, खरगोश, जंगली सुअर आदि भी मारे गए हैं। डभौरा ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और राजस्व निरीक्षक डभौरा और डिप्टी रेंजर आदि सूचना पर पहुंचे लेकिन उनके पास आग बुझाने का साधन नहीं रहा। लिहाजा वे विवश होकर लौट गए।
जद में आए खेत-खलिहान
डभौरा से मिली जानकारी के अनुसार सूखी घास और पेड़ों के पत्तों में भड़की आग इतनी विकराल हो गई है कि गुरुवार शाम कल्ली गांव में कई खेत-खलिहान को अपनी जद में ले लिया। यहां के कई किसानों के खेत आग की भीषण लपटों से घिर गए।
डभौरा से मिली जानकारी के अनुसार सूखी घास और पेड़ों के पत्तों में भड़की आग इतनी विकराल हो गई है कि गुरुवार शाम कल्ली गांव में कई खेत-खलिहान को अपनी जद में ले लिया। यहां के कई किसानों के खेत आग की भीषण लपटों से घिर गए।
टीम लेकर पहुंचे एसडीओ फारेस्ट
डभौरा वन परिक्षेत्र के जंगलों में दो दिनों से हाहाकार मचा रखी आग को नियंत्रित करने के लिए गुरुवार को एसडीओ एसपी सिंह गहरवार, सिरमौर रेंजर दारा सिंह बघेल, डभौरा डिप्टी रेंजर पन्नालाल तिवारी, अतरैला के रेंजर आदि के साथ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की एक बड़ी टीम लेकर कल्ली गांव तक पहुंचे। उन्होंने पट्टी कटवाकर आग को फैलने से रोकने का प्रयास किया लेकिन लपटें इतनी विकराल थीं कि वे पट्टी पार कर आगे बढ़ गर्इं।
डभौरा वन परिक्षेत्र के जंगलों में दो दिनों से हाहाकार मचा रखी आग को नियंत्रित करने के लिए गुरुवार को एसडीओ एसपी सिंह गहरवार, सिरमौर रेंजर दारा सिंह बघेल, डभौरा डिप्टी रेंजर पन्नालाल तिवारी, अतरैला के रेंजर आदि के साथ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की एक बड़ी टीम लेकर कल्ली गांव तक पहुंचे। उन्होंने पट्टी कटवाकर आग को फैलने से रोकने का प्रयास किया लेकिन लपटें इतनी विकराल थीं कि वे पट्टी पार कर आगे बढ़ गर्इं।
यूपी पुलिस की है कारगुजारी
एसडीओ फारेस्ट एसपी गहरवार ने मौके से लौटकर स्थानीय लोगों के हवाले से बताया है कि जंगल में आग उत्तरप्रदेश पुलिस द्वारा लगाई गई है। हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई पुख्ता सबूत होने से इंकार किया है लेकिन श्री गहरवार ने कहा कि इस तरह की आग बिना लगाए नहीं भड़क सकती। बकौल श्री गहरवार डकैतों की धरपकड़ के लिए उत्तरप्रदेश पुलिस जंगल को आग लगाती है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान डभौरा रेंज के जंगलों को हो रहा है। उन्होंने इस दौरान उत्तरप्रदेश पुलिस से बात करने का हवाला भी दिया और कहा कि यूपी पुलिस महुआ बीनने वालों पर आग लगाने का आरोप लगाया है।
एसडीओ फारेस्ट एसपी गहरवार ने मौके से लौटकर स्थानीय लोगों के हवाले से बताया है कि जंगल में आग उत्तरप्रदेश पुलिस द्वारा लगाई गई है। हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई पुख्ता सबूत होने से इंकार किया है लेकिन श्री गहरवार ने कहा कि इस तरह की आग बिना लगाए नहीं भड़क सकती। बकौल श्री गहरवार डकैतों की धरपकड़ के लिए उत्तरप्रदेश पुलिस जंगल को आग लगाती है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान डभौरा रेंज के जंगलों को हो रहा है। उन्होंने इस दौरान उत्तरप्रदेश पुलिस से बात करने का हवाला भी दिया और कहा कि यूपी पुलिस महुआ बीनने वालों पर आग लगाने का आरोप लगाया है।
श्री गहरवार ने बताया कि कल से पूरा स्टाफ
आग बुझाने में लगा हुआ है लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है। आग भयंकर
है, यूपी बार्डर पार कर उसे बुझाने का काम संभव नहीं है। उन्होंने बताया
कि 50-50 फिट की पट्टी काटकर आग को फैलने से रोकने का प्रयास किया गया
लेकिन हवाएं इतनी तेज चल रही थीं जिसके चलते लपटें उस अंतराल को लांघकर इस
पार के जंगल में सुलगने लगती थीं।
डीएफओ को तत्काल मौके पर पहुंचकर आग को
काबू करने के निर्देश दिए गए थे। इस तरह की आपात स्थिति के लिए पर्याप्त
धनराशि व संसाधन रहते हैं। आग पर काबू क्यों नहीं पाया गया, इसकी जानकारी
ली जाएगी।
एम. कालीदुरई, मुख्य वन संरक्षक, वन वृत्त रीवा
एम. कालीदुरई, मुख्य वन संरक्षक, वन वृत्त रीवा
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