सतना। अपने बेहतरीन सूचना
तंत्र का दम भरने वाली एमपी-यूपी की पुलिस गत नवरात्रि में अष्टमी और नवमी
के दिन भी डकैत बबली को नहीं पकड़ पाई जबकि वो जंगलों में स्थित दो अति
प्राचीन मंदिरों में देवी पूजा करके निकल भी गया। 5 लाख पचास हजार के
दुर्दांत डकैत बबली गिरोह को दो अलग-अलग भागों में बांटकर जंगल आया था।
इन्हीं जंगलों में कभी खूंखार डकैत ददुआ ने भी हनुमान मंदिर बनवाया था और
वो हनुमान का परम भक्त था।
निही व भवानीखेर जंगल में किया अनुष्ठान
तराई से जुड़े सूत्रों ने बताया डकैत बबली कोल गिरोह के आधा दर्जन साथियों के साथ चैत्र नवरात्रि रविवार को अष्टमी की पूजा करने के लिए मानिकपुर थाना क्षेत्र के निही के जंगल के पास बने मंदिर में पहुंचा। मंदिर में बबली और गिरोह के डकैतों ने कई घण्टे धार्मिक अनुष्ठान किये। देर शाम तक डकैत बबली अपने गिरोह के साथ रुका रहा। अगले दिन डकैत बबली ने गिरोह के सदस्यों के साथ मानिकपुर थाना क्षेत्र के भवानीखेर जंगल में स्थित देवी मंदिर में नवमी की पूजा-अर्चना की। इस दौरान बबली और उसके साथियों ने नवरात्रि के दौरान बोए गए जवारे का विसर्जन भी किया।
तराई से जुड़े सूत्रों ने बताया डकैत बबली कोल गिरोह के आधा दर्जन साथियों के साथ चैत्र नवरात्रि रविवार को अष्टमी की पूजा करने के लिए मानिकपुर थाना क्षेत्र के निही के जंगल के पास बने मंदिर में पहुंचा। मंदिर में बबली और गिरोह के डकैतों ने कई घण्टे धार्मिक अनुष्ठान किये। देर शाम तक डकैत बबली अपने गिरोह के साथ रुका रहा। अगले दिन डकैत बबली ने गिरोह के सदस्यों के साथ मानिकपुर थाना क्षेत्र के भवानीखेर जंगल में स्थित देवी मंदिर में नवमी की पूजा-अर्चना की। इस दौरान बबली और उसके साथियों ने नवरात्रि के दौरान बोए गए जवारे का विसर्जन भी किया।
भटकते रहे पुलिसकर्मी
दस्यु उन्मूलन अभियान में लगी पुलिस को जानकारी थी कि डकैत बबली नवरात्रि के दिनों में जंगलों में स्थित देवी मंदिरों में पूजा अर्चना करने आएगा। अष्टमी के दिन पूजा करने के लिए डकैत बबली का गिरोह कई घण्टे मंदिर में बैठा रहा। देर शाम को पुलिसकर्मी निही के जंगल में पहुंचकर सर्चिंग शुरु किए। पुलिस की आहट पाकर पूजा-अर्चना कर चुका डकैत बबली भागने में कामयाब हो गया। पुलिस को चकमा देकर अगले दिन नवमी की पूजा करने डकैत बबली मानिकपुर क्षेत्र के जंगल में फिर पहुंच गया। सूत्रों का कहना है कि मुखबिर तंत्र की कमजोरी और सटीक रणनीति के अभाव के चलते पुलिस डकैत बबली गिरोह को घेर पाने में सफल नहीं हो पा रही है।
दस्यु उन्मूलन अभियान में लगी पुलिस को जानकारी थी कि डकैत बबली नवरात्रि के दिनों में जंगलों में स्थित देवी मंदिरों में पूजा अर्चना करने आएगा। अष्टमी के दिन पूजा करने के लिए डकैत बबली का गिरोह कई घण्टे मंदिर में बैठा रहा। देर शाम को पुलिसकर्मी निही के जंगल में पहुंचकर सर्चिंग शुरु किए। पुलिस की आहट पाकर पूजा-अर्चना कर चुका डकैत बबली भागने में कामयाब हो गया। पुलिस को चकमा देकर अगले दिन नवमी की पूजा करने डकैत बबली मानिकपुर क्षेत्र के जंगल में फिर पहुंच गया। सूत्रों का कहना है कि मुखबिर तंत्र की कमजोरी और सटीक रणनीति के अभाव के चलते पुलिस डकैत बबली गिरोह को घेर पाने में सफल नहीं हो पा रही है।
चुपचाप काम को अंजाम दे रहा बबली
कर्वी और सतना पुलिस के ज्वाइंट आपरेशन के कारण 5 लाख 50 हजार के इनामी डकैत बबली कोल का गिरोह काफी कमजोर हुआ है। सात माह के दौरान अलग-अलग मुठभेड़ों में गिरोह के एक दर्जन डकैत पुलिस के हत्थे चढ़े जिनमें लवलेश का मामला जियालाल भी शामिल था। पुलिस से आमने-सामने की मुठभेड़ में डकैत बबली गिरोह को कई हथियार भी खोने पड़े। कारतूस की कमी भी आई। लिहाजा जंगल में शान्त रहकर गैंग लीडर बबली गिरोह को मजबूत करने की कोशिश में जुटा हुआ है। तराई से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन दिनों बबली गिरोह में नए सदस्यों को जोड़ने और असलहे जुटाने में लगा है।
कर्वी और सतना पुलिस के ज्वाइंट आपरेशन के कारण 5 लाख 50 हजार के इनामी डकैत बबली कोल का गिरोह काफी कमजोर हुआ है। सात माह के दौरान अलग-अलग मुठभेड़ों में गिरोह के एक दर्जन डकैत पुलिस के हत्थे चढ़े जिनमें लवलेश का मामला जियालाल भी शामिल था। पुलिस से आमने-सामने की मुठभेड़ में डकैत बबली गिरोह को कई हथियार भी खोने पड़े। कारतूस की कमी भी आई। लिहाजा जंगल में शान्त रहकर गैंग लीडर बबली गिरोह को मजबूत करने की कोशिश में जुटा हुआ है। तराई से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन दिनों बबली गिरोह में नए सदस्यों को जोड़ने और असलहे जुटाने में लगा है।
डकैत उन्मूलन टीम के सीईओ विनीत सिंह का
कहना है कि मुखबिरतंत्रों को एलर्ट कर घेराबंदी की तैयारी की गई थी लेकिन
डकैत बबली के मंदिरों में आने की सूचना देर से मिलने के कारण डकैत बबली को
पकड़ना मुश्किल हो गया।
Comments
Post a Comment