सतना | प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से अब स्कूल प्रबंधन फीस के लिए दबाव नहीं बना सकेंगे। अगर ऐसा करते पाए गए तो स्कूल संचालक के विरूद्ध कठोर कार्रवाई हो सकती है।
स्कूल शिक्षा विभाग का आदेश, दोषी पाए गए तो होगी कार्रवाई
स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव प्रमोद सिंह ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो के संदर्भ से प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए है। आदेश में विभाग की ओर से शिक्षा के अधिकार के अधिनियम का हवाला देते हुए कहा गया है कि स्कूलों में फीस का मामला अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन का है। जिससे बच्चों का कोई लेना देना नहीं है। ऐसे में बच्चों पर इसके लिए किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाना चाहिए।
ओला प्रभावित किसानों के बच्चों से नहीं ली जाएगी फीस
ओला की मार झेलने वाले किसानों के बच्चों से स्कूलों द्वारा किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाएगी। आयुक्त के निर्देश के मुताबिक प्रदेश के समस्त सरकारी स्कूलों पढ़ने वाले ओला प्रभावित किसानों के बच्चों की फीस शैक्षणिक सत्र 2018-19 में नहीं ली जाएगी।
ओला की मार झेलने वाले किसानों के बच्चों से स्कूलों द्वारा किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाएगी। आयुक्त के निर्देश के मुताबिक प्रदेश के समस्त सरकारी स्कूलों पढ़ने वाले ओला प्रभावित किसानों के बच्चों की फीस शैक्षणिक सत्र 2018-19 में नहीं ली जाएगी।
बच्चे कर लेते है आत्महत्या
केयर एण्ड प्रोटेक्सन आॅफ चाइल्ड एक्ट 2015 के सेक्सन 75 के तहत बताया गया कि प्रताड़ना के कारण बच्चे आत्महत्या कर लेते है। ऐसे में इस मामले में अभिभावक और स्कूल प्रबंधन चर्चा करें न कि बच्चों पर इसका प्रभाव डाले। विभाग ने जारी निर्देश में साफ कहा है कि कोई प्राइवेट स्कूल संचालक ऐसा करता पाया जाता है, तो उनके विरूद्ध उपरोक्त एक्ट के कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
केयर एण्ड प्रोटेक्सन आॅफ चाइल्ड एक्ट 2015 के सेक्सन 75 के तहत बताया गया कि प्रताड़ना के कारण बच्चे आत्महत्या कर लेते है। ऐसे में इस मामले में अभिभावक और स्कूल प्रबंधन चर्चा करें न कि बच्चों पर इसका प्रभाव डाले। विभाग ने जारी निर्देश में साफ कहा है कि कोई प्राइवेट स्कूल संचालक ऐसा करता पाया जाता है, तो उनके विरूद्ध उपरोक्त एक्ट के कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
कौन शिक्षा मंत्री कौन शिक्षा अधिकारी कहाँ कोई सुनता है और किसका सुनता है और हम किससे गुहार लगाये प्राइवेट स्कूलों की बहुत मनमानी चलती है।मै मेरा बालक स्वामी विवेकानन्द स्कूल न्यू रामनगर में सातवीं और आठवीं कक्षा में दो साल स्कूल में पढाया अभी इसी साल माडल परीक्षा में पास किया। सोचा कि प्राइवेट स्कूल का खर्च नहीं उठा सकता।इसलिए मैं टीसी लेने गया तो स्कूल का संचालक कहता है कि दो महीने की फीस जमा करना पडेगा ।जब टीसी मिलेगी। अब बताइये कि हम किसको शिकायत करें कौन सुनेंगा।और अगर आप का न्यूज़ चैनल देख सुन रहा है तो प्राइवेट स्कूलों की मनमानी खत्म करवाइए। पहले एडमीशन के नाम से मोटा पैसा ले लेते हैं फिर हर महीने देने पड़ते हैं। और कहते हैं कि मैं दस महीने तक की ही फीस लेता हूँ। और अगर टीसी लेना हुआ तो दो महीने तक और टीसी काटने का अलग से पैसा लेते हैं और हम गरीब हैं । झगड़ा बातचीत भी नहीं कर सकते और गरीबों का कोई सुनता भी कहा है।अगर आप का न्यूज़ चैनल सुनता है तो कार्यवाही जरूर करें ताकि कोई भी व्यक्ति परेशान न हो छात्र का नाम सिद्धांत विश्वकर्मा पिता श्री शिव कुमार विश्वकर्मा मुकाम नगर परिषद न्यू रामनगर जिला सतना मध्य प्रदेश
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