बैंक के सामने बैठकर किया प्रदर्शन
रीवा। भारतीय बैंक संघ की ओर से 11वें द्विपक्षीय वेतन पुनरीक्षण समझौता के तहत किए गए अल्प वेतनवृद्धि से बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों का आक्रोश फूट पड़ा है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर बुधवार को अधिकारी और कर्मचारी काम बंद कर दो दिनों की हड़ताल पर चले गए।
हड़ताल पर रहे राष्ट्रीयकृत बैंक
बैंकों के अधिकारी व कर्मचारी बुधवार को रोज की तरह बैंक पहुंचे तो जरूर लेकिन उनके द्वारा कार्य नहीं किया गया। कार्यालय में ताला बंद कर अधिकारी व कर्मचारी बाहर ही धरना प्रदर्शन पर बैठ गए। बैंकों की इस हड़ताल में निजी बैंकों को छोडक़र सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। जिले में करीब २० के विभिन्न शाखाओं के सभी करीब एक हजार कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए।
फिर करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल
बैंक के समक्ष धरना प्रदर्शन पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि अभी उनकी हड़ताल केवल 30 व 31 मई की है लेकिन उन्हें वेतन पुनरीक्षण के तहत सम्मानजनक वेतन नहीं दिया गया और अन्य दूसरी मांग पूरी नहीं की गई तो वह आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल की योजना बनाएंगे।
हड़ताल में हुए यह कर्मचारी शामिल
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एवार्ड स्टॉफ इंप्लाइज यूनियन के क्षेत्रीय सचिव अजय सिंह बघेल व संगठन सचिव प्रवीण पाण्डेय के मुताबिक उनकी यह हड़ताल चार बिन्दुओं के विरोध और तीन मांगों को लेकर है। हड़ताल में दीपक मिश्रा, अश्विनी, संजीव खरे, संतोष तिवारी, अमित गौतम व जेपी शुक्ला सहित बैंक के अन्य अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे।
50 करोड़ कैश का लेनदेन प्रभावित
बैंक अधिकारियों की माने तो इस हड़ताल में पहले दिन में सभी बैंकों का मिलाकर 50 करोड़ रुपए कैश का लेनदेन प्रभावित हुआ है। दूसरे दिन भी इतना ही लेनदेन प्रभावित होगा। जबकि कुल ट्रांसजेक्शन को मिला लिया जाए तो एक दिन में 400 करोड़ रुपए से अधिक का व्यवसाय प्रभावित हुआ है।
शाम को निकाला कैंडिल मार्च
दिन में हड़ताल के बाद बैंक कर्मचारियों ने शाम को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले कैंडिल मार्च निकाला। स्वामी विवेकानंद पार्क से निकला बैंक कर्मचारियों का कैंडिल मार्च शिल्पी प्लाजा होते हुए साईं मंदिर होकर वापस कॉलेज चौराहा में जाकर समाप्त हुआ। कैंडिल मार्च निकालकर कर्मचारियों ने सम्मानजनक वेतन बढ़ोत्तरी की मांग की।
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