रीवा। बेटियां पढ़-लिखकर अपने कॅरियर को रोशन करें इसके लिए महिला बाल विकास विभाग ने सरकारी मदद के पैटर्न को काफी बदल दिया है। नए नियमों में छठवीं से बारहवीं तक एजुकेशन स्कॉलरशिप देने व 21 वर्ष की आयु होने पर खाते में एक लाख रुपए जमा कराए जाना सुनिश्चित किया है। महिला बाल विकास विभाग ने लाडली लक्ष्मी योजना में मदद के तरीके को बदल दिया है।
वर्ष 2015 से पहले बेटियों के नाम छह-छह हजार रुपए के राष्ट्रीय बचत पत्र जारी किए जाते थे। लगातार पांच साल तक जारी किए जाने वाले पांच बचत पत्रों के माध्यम से एक लाख से 15 हजार रु की सहायता मिलने का प्रावधान था लेकिन अब पुराने बचत- पत्रों के स्थान पर नए प्रमाण-पत्र जारी किए जा रहे हैं।
लाडली लक्ष्मी योजना के तहत वित्तीय मदद का प्रकरण स्वीकृत होने पर महिला बाल विकास विभाग आॅनलाइन एक लाख 18 हजार रुपए का प्रमाण-पत्र बेटी के नाम जारी कर रहा है। इसके आदेश दो दिन पहले ही भोपाल संचालनालय से जारी किए गए हैं। इस राशि में से एक लाख रुपए की रकम बेटी के वयस्क होने पर उसके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इस पैसे से कोई छात्रा,उच्च शिक्षा हासिल कर सकेगी।
पढ़ाई संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकेंगी
जिन बेटियों के लिए महिला विकास विभाग से 1.18 लाख रुपए की मदद के प्रमाण-पत्र जारी होंगे, उन्हें कक्षा छह में दो हजार रुपए, कक्षा नौ में चार हजार रुपए, कक्षा 11 व 12 में छह-छह हजार रुपए की स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। स्कॉलरशिप के पैसे से बेटियां अपनी पढ़ाई संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकेंगी।
जिन बेटियों के लिए महिला विकास विभाग से 1.18 लाख रुपए की मदद के प्रमाण-पत्र जारी होंगे, उन्हें कक्षा छह में दो हजार रुपए, कक्षा नौ में चार हजार रुपए, कक्षा 11 व 12 में छह-छह हजार रुपए की स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। स्कॉलरशिप के पैसे से बेटियां अपनी पढ़ाई संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकेंगी।
जिले में कई लोगों को मिली मदद
लाडली लक्ष्मी योजना में मदद के ग्राफ को देखें तो वर्ष 2007-08 से अब तक बीते 10 साल में कई बेटियों को एक लाख 15 हजार रुपए के मान से सरकारी सहायता प्रदान की जा चुकी है।
लाडली लक्ष्मी योजना में मदद के ग्राफ को देखें तो वर्ष 2007-08 से अब तक बीते 10 साल में कई बेटियों को एक लाख 15 हजार रुपए के मान से सरकारी सहायता प्रदान की जा चुकी है।
नए प्रमाण-पत्र जारी
बीते आठ बरसों में जारी राष्ट्रीय बचत-पत्रों में से अब तक बचत-पत्रों को बदलकर नए प्रमाण-पत्र के रूप में जारी किया जा चुके है।
बीते आठ बरसों में जारी राष्ट्रीय बचत-पत्रों में से अब तक बचत-पत्रों को बदलकर नए प्रमाण-पत्र के रूप में जारी किया जा चुके है।
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