Skip to main content

कुछ बन गए मालामाल तो कुछ बन गए कंगाल || REWA NEWS



रीवा। राष्ट्रीय राजमार्ग-7 एवं 27 के लिए अधिग्रहीत की गई जमीनों पर किस तरह से अनियमितता की गई है। इसका ताजा उदाहरण कुछ समय पूर्व संभागायुक्त द्वारा एक जमीन के कराए गए मूल्यांकन के बाद सामने आया था। भू-अर्जन अधिकारी एवं एमपीआरडीसी के अधिकारियों द्वारा जमीनों के अधिग्रहण के बाद बनाए गए मुआवजे में किसी को उपकृत कर दिया तो किसी को कंगाल कर दिया है। बताया गया है कि कई ऐसे किसान जिन्हें जमीनों के अधिग्रहण के बाद काफी कम मुआवजा दिया गया है, उन्होंने संभागायुक्त के पास मूल्यांकन के लिए अपील की थी।

भू-अर्जन अधिकारी द्वारा बनाए गए मुआवजे पर संज्ञान लेते हुए संभागायुक्त द्वारा बतौर आर्किट्रेक्टर जब दोबारा मूल्यांकन कराया गया, तो बनाए गए मुआवजे से 33 गुना अधिक का मुआवजा किसान के पक्ष में पाया गया। इस मूल्यांकन के बाद भू-अर्जन अधिकारी एवं एमपीआरडीसी की भूमिका संदिग्ध हो गई है। इस तरह के तीन हजार से ज्यादा मामले कमिश्नर कार्यालय में अभी लंबित हैं। संभागायुक्त कार्यालय से मिली जानकारी में बताया गया है कि कई मामले ऐसे है जो सह खाते की जमीन होने के बाद आपसी निराकरण नहीं हो पा रहा है। ऐसे भी मामले लंबित है। हालांकि इस तरह के मामलों में पटवारी, तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध है। जान बूझकर कई ऐसी जमीनों को अलग नहीं किया गया जो आज फंसाद का कारण बन रही है।
भटक रहे किसान
नेशनल हाइवे के लिए अधिग्रहीत की गई जमीनों का सही मुआवजा न मिल पाने के चलते हजारों किसान संभागायुक्त कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। बताया गया है कि रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली के पांच हजार से ज्यादा ऐसे किसान हैं, जिन्हें अधिग्रहीत की गई जमीनों का मुआवजा नहीं मिल पाया है। बताया गया है कि उक्त किसानों ने मुआवजे से असंतुष्ट होकर संभागायुक्त के पास पुर्नमूल्यांकन की अपील किए हैं। हालांकि संभागायुक्त कार्यालय में लगाए गए पुर्नमूल्यांकन के प्रकरणों में से 400 से अधिक भू स्वामियों के मामले में निर्णय लिया जा चुका है। इतना ही नहीं कई मामले में गड़बड़ी सामने आई है, जिसे दुरुस्त करने का आदेश दिया गया है। वहीं जिन किसानों को अधिक राशि का मुआवजा दिया गया है, उनसे वसूली का भी आदेश जारी किया गया है। 
इनको किया उपकृत
भू-अर्जन अधिकारी राजस्व विभाग के पटवारी, आरआई, भू-माफिया और बिचौलिए खुद तो मालामाल हुए ही फोरलेन से कई भूमिहीनों की किस्मत भी चमक गई।  सूत्र बताते हैं कि मनगवां तहसील के परासी में संतोष कुमार पिता अनुसुइया प्रसाद को मध्यप्रदेश शासन की आराजी नम्बर 188 का पट्टेदार बताकर मुआवजा दिया गया। इसी आराजी नं. में हीरामणि पिता सिद्धगोपाल का कच्चा मकान दर्ज कर उपकृत किया गया। इसी प्रकार अनीता पति दीपक को आराजी नं. 23/5, आशीष सिंह पिता जगत प्रताप सिंह को आराजी नं. 264/1 तथा बृजलोचन पिता परदेशी को आराजी नं. 173 का पट्टेदार बनाकर लाखों रुपये का मुआवजा एलाट हुआ था।
इन्हें दो बार मिला मुआवजा
आराजी नं. 38/8 वरुण प्रताप पिता महेन्द्र सिंह आराजी नं. 193/2, अनुसुइया प्रसाद पिता श्याम किशोर को एक नहीं दो-दो बाद मुआवजा दिया गया। गढ़ मौजा में अनुसुइया प्रसाद की आराजी का रकबा 0.5 डिसमिल है जिस पर ढावा निर्मित था। ढावा के नाम पर 18 लाख रुपये मुआवजा दिया गया बाद में इसी जमीन को सिंचित दिखाकर दूसरी बार मुआवजा एवार्ड हुआ। इसके अलावा आराजी नं. 776, 777 के वास्तविक भू-स्वामी गया प्रसाद पिता बसंत राम हैं लेकिन उसका मुआवजा शिवमूरत नाम के व्यक्ति को दे दिया गया। इसी मामले पर भू-अर्जन अधिकारी एलएल अहरवाल को मनगवां से तत्कालीन कमिश्नर प्रदीप खरे ने हटाया भी था।
फोरलेन अधिग्रहण के बाद मुआवजे की रकम को लेकर कई लोगों ने प्रकरण दायर किया है। जिनका निराकरण किया जा रहा है। कई जमीनें ऐसी हैं जो सहखाते की हैं। संयुक्त किसान उससे सहमत नहीं हैं। उन पर भी सुनवाई की जा रही है।
पीएस त्रिपाठी, डिप्टी कमिश्नर रीवा

Comments

Popular posts from this blog

तो इसलिए हुआ रीवा में गैंगवार कुख्यात बदमाशों ने दाना दन चलाई गोलियां पुलिस के हाथ लगे सिर्फ गोलियों के खोखे || REWA NEWS

अफरा-तफरी के बीच जान बचा भागे राहगीर, गोली लगने से एक गुट के दो बदमाश घायल, घटना स्थल से कार और खोखे जब्त रीवा।  शहर के सिविल लाइन थाना से चंद कदम दूर स्थित महाराजा होटल के पास सोमवार दोपहर हुए गैंगवार से आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई है। तीन मिनट के घटनाक्रम ने न केवल खाकी के प्रभाव पर सवालिया निशान लगा दिया है बल्कि आम जनता स्वयं की सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखाई दे रही है। सोमवार दोपहर तकरीबन साढ़े 3 बजे अचानक कार और बाइक सवार युवकों में गैंगवार शुरू हुआ। दोनों तरफ से पिस्टल निकाल कर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी गई। इस गोली बारी में एक पक्ष के दो लोग घायल हुए हैं। हर घटना की तरह इस घटना में भी पुलिस तब मौके पर पहुंची जब गैंगवार समाप्त हो चुका था। आरोपी भाग चुके थे और घायल इलाज के लिए एसजीएमएच पहुंच चुके थे। पुलिस ने न केवल मौके वारदात से डेढ़ दर्जन से अधिक खोखे बरामद किए हैं। साथ ही घायल के बयान के आधार पर चार लोगों के खिलाफ धारा 307 का मामला दर्ज किया है। पुलिस अपराध कायम कर चिंहित लोगों की तलाश में जुट गई है। इन पर दर्ज हुआ मामला घायल संजय द्विवेदी रॉक व हि...

संजय रॉक और मुख्य गवाह प्रशांत मेंटल पर हुए जानलेवा हमले के मुख्य शूटरों की फोटो वायरल | REWA NEWS

रीवा | विगत दिनो  संजय द्विवेदी उर्फ रॉक और उसके मुख्य गवाह प्रशांत मेंटल पर   हुए जानलेवा हमले के मुख्य  शूटरों की फोटो वायरल हो गयी है बताया जा रहा है कि सिविल लाईन थाना अंतर्गत गुप्ता पेट्रोल पम्प के पास हुए ताबड़तोड़ फायरिंग से पूरे शहर में सनाका फ़ैल  गया |  तीन मिनट हुई इस फायरिंग में पुलिस को  16 खोखे  मिले |  वायरल फोटो किसकी है अभी ये जाँच का विषय है | बाइक सवार इन युवकों के सम्बं में किसी को सूचना मिले तो रीवा पुलिस के  अधिकारी य सिविल लाइन थाना प्रभारी से सम्पर्क कर सूचित करे  ! स्मोंटी सिंह और उसके साथियों पर आरोप  पुलिस को दिये बयान में संजय द्विवेदी रॉक और उसके साथी हिमांशु मिश्रा ने स्मोंटी सिंह, पप्पू यादव, भानू सिंह, पिन्टू सिंह, विकास सिंह टेम्पो, स्मोंटी के छोटे भाई विकास सिंह पर हमला करने का आरोप लगाया है। फिलहाल इनके बयान के आधार पर सिविल लाइन पुलिस ने उपरोक्त आरोपियों के विरूद्ध धारा 307 एवं 25, 27 आर्म्स एक्ट का प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों की पता साजी में सरगर्मी से लग गई है। खबर लिखे जाने...

TRS MURDER : नितिन हत्याकांड का एक और आरोपी गिरफ्तार

रीवा पुलिस अधीक्षक श्री ललित शाक्यवार के निर्देशन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आशुतोष गुप्ता एवं नगर पुलिस अधीक्षक श्री भरत दुबे के मार्गदर्शन में थाना सिविल लाइन प्रभारी अरुण सोनी के नेतृत्व में की कार्यवाही नितिन सिंह जघन्य हत्या कांड में एक नए आरोपी सत्यम तिवारी उर्फ सत्यम मोराई के नाम का खुलासा एवम गिरफ्तारी । आरोपी सत्यम ने ही दी थी मुख्य आरोपी वैभव सिंह को पिस्टल जिससे की गयी नितिन सिंह की हत्या ।घटना में प्रयुक्त मोटर सायकल काले रंग की पल्सर 180 सी सी बरामद। घटना में शामिल और भी चेहरे हो सकते है बेनक़ाब ।आरोपी सत्यम तिवारी थाना विश्वविद्यालय का शातिर बदमाश।साइबर सेल प्रभारी उनि गौरव मिश्रा,थाना प्रभारी विश्वविद्यालय शिवपूजन मिश्रा,थाना प्रभारी बिछिया वीरेंद्र पवार एवं उनि रानू वर्मा का गिरफ्तारी में विशेष योगदान। गिरफ्तार आरोपी ने शहर के कई नामी कोरेक्स एवम शराब के ठिकाने तथा अवैध हथियार रखने वाले अपराधियों की दी है अहम जानकारी।उन ठिकानों पर दबिश जारी ।  ब्यूरो रिपोर्ट रीवा  ( Rituraj Dwivedi )